वीर सावरकर का योगदान भी अहम था : प्रियंका चतुर्वेदी


मुंबई, 12 फरवरी (आईएएनएस)। शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने बुधवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान वीर सावरकर, शरद पवार, महाकुंभ में श्रद्धालुओं की स्थिति और राहुल गांधी से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय रखी।

प्रियंका चतुर्वेदी ने वीर सावरकर के संदर्भ में कहा कि उनका योगदान भी महत्वपूर्ण था, खासकर जब वह फ्रांस से भागकर ब्रिटिश साम्राज्य से लड़ाई के लिए भारत लौटे थे। उन्होंने देश के लिए काम किया, और यह सही है कि उन्हें सम्मान मिलना चाहिए। शिवसेना यह मांग कर रही है कि उन्हें भारत रत्न से नवाजा जाए, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए उन्हें याद किया जाता है। आखिर ऐसा क्यों? बेशक सबकी विचारधारा अलग-अलग रही होगी, लेकिन सभी का एक ही उद्देश्य होगा कि ब्रिटिश को भगाया जाए। चाहे वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस हों, वीर सावरकर हों, या महात्मा गांधी, सभी का एक ही उद्देश्य था कि अंग्रेजों से भारत को आजादी मिले।

उल्लेखनीय है कि एक कार्यक्रम में शरद पवार ने एकनाथ शिंदे को सम्मानित किया, जिस पर भी प्रियंका चतुर्वेदी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने अपनी पार्टी और विचारधारा से विश्वासघात किया। वह उन नेताओं में से थे, जिन्हें पार्टी ने विधायक और मंत्री पद दिए थे, लेकिन उन्होंने पार्टी को तोड़ने का काम किया। इस पर कहा गया कि उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं अपने सिद्धांतों से ऊपर थीं, और यह अवॉर्ड देने का निर्णय राजनीतिक चाल हो सकती है।

उन्होंने राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के निधन को लेकर कहा, “मैं अपनी तरफ से उन सभी लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करती हूं, जो उनके साथ जुड़ रहे। सत्येंद्र दास जी ने अपना पूरा जीवन भगवान राम को समर्पित कर दिया था।”

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की स्थिति पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि कई श्रद्धालु वहां आस्था के साथ पहुंचे हैं, लेकिन भीड़ और ट्रैफिक जाम के कारण परेशानी हो रही है। हालांकि, प्रशासन की ओर से इस स्थिति का समाधान निकलने की उम्मीद जताई गई है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 24 मार्च को लखनऊ की एक अदालत ने समन किया है। इस पर भी प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि उनके ऊपर बार-बार एफआईआर दर्ज कर उन्हें राजनीतिक रूप से निष्क्रिय करने की कोशिश की जा रही है। यह सब कुछ अहम मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भी किया जा रहा है, क्योंकि इनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है।

–आईएएनएस

एसएचके/एकेजे


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