'हॉकी के जादूगर' मेजर ध्यानचंद ने भी किया था विज्ञापन


नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)। आज भारतीय खिलाड़ी लाखों-करोड़ों के विज्ञापन करते हैं लेकिन एक ऐसा समय भी था जब भारतीय ‘हॉकी के जादूगर’ मेजर ध्यानचंद ने एक विज्ञापन किया था जिसके लिए उन्हें एक डॉलर मिला था।

मेजर ध्यानचंद के पुत्र अशोक ध्यानचंद ने राजधानी स्थित श्यामलाल कॉलेज में पद्मश्री श्यामलाल हॉकी टूर्नामेंट क़े उद्घाटन के अवसर पर यह जानकारी दी। अशोक ने एक बड़ा रहस्योदघाटन करते हुए कहा कि 1932 की ओलंपिक गोल्ड विजेता भारतीय टीम ने चाय पत्ती विक्रेता बेन-हर क़े विज्ञापन क़े लिए काम किया था, जिसे भारतीय खेलों का पहला अधिकृत विज्ञापन माना जाता है l विज्ञापन में ध्यानचंद क़े छोटे भाई रूप सिंह, इनसाइड फॉरवर्ड गुरमीत सिंह कुलार और सैयद मोहम्मद जाफ़र भी हैं।

अशोक ने बताया कि इन खिलाड़ियों को एक डॉलर दिया गया था। उनके पिता को इसके अलावा चाय पत्ती का एक पैकेट भी दिया गया था। उन्होंने कहा कि बेशक आज खिलाड़ियों को विज्ञापन के लिए लाखों रुपये मिलते हैं लेकिन गुलाम भारत में उस समय ऐसा होना बड़ी बात थी।

देश क़े नामी हॉकी खिलाड़ी रहे और 1975 वर्ल्ड कप विजेता टीम क़े शीर्ष खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद का कहना है कि लगातार ओलंपिक पदकों से हॉकी के प्रति रूचि बढ़ी है लेकिन दिल्ली औऱ देश में हॉकी आयोजनों का गिरता ग्राफ चिंताजनक है।

कुछ साल पहले तक दिल्ली क़े शिवाजी स्टेडियम औऱ ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम में अनेक राष्ट्रीय औऱ अंतर्राष्ट्रीय आयोजन होते थे, जिनमें देश क़े छोटे बड़े खिलाड़ी, संस्थान औऱ अन्य टीमें भाग लेती थीं l नेहरू हॉकी, शास्त्री हॉकी, महाराजा रणजीत सिंह हॉकी, दिल्ली हॉकी लीग, संस्थानिक हॉकी टूर्नामेंट औऱ अन्य आयोजन राष्ट्रीय हॉकी में खासे चर्चित थे l लेकिन आज आलम यह है कि तमाम आयोजन कहीं गुम हो गए हैं या महज खानापूर्ति रह गए है l हॉकी टूर्नामेंट क़े नाम पर बस श्याम लाल इंटर कॉलेज हॉकी टूर्नामेंट बचा है, जिसमें राजधानी क़े टॉप हॉकी कॉलेज भाग लेते हैँ l

अशोक ज्यादातर राष्ट्रीय औऱ अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों का एक-दो राज्यों में किया जाना भी घातक मानते हैं l अशोक कहते हैं कि उनके ज़माने में स्कूल और कॉलेज स्तर क़े आयोजन अधिकाधिक होते थे l देश की कॉलेज टीम क़े श्रेष्ठ खिलाड़ियों में से राष्ट्रीय टीम क़े खिलाड़ी चुने जाते थे l लेकिन आज यह परम्परा समाप्त हो गई है l यह सही है कि भारत ने बैक टू बैक दो ओलम्पिक कांस्य पदक जीते हैं लेकिन देशभर में हॉकी सिमटती जा रही है l होना यह चाहिए कि सभी प्रदेशों में खेल क़े लिए माहौल बनाया जाए l ठीक वैसे ही जैसे कि दिल्ली में पद्मश्री श्यामलाल मेमोरियल हॉकी टूर्नामेंट आयोजित किया जा रहा है l

–आईएएनएस

आरआर/


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