राजकोषीय और मौद्रिक नीतियां आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए मिलकर कर रही हैं काम: वित्त मंत्री
नई दिल्ली, 8 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार की मौद्रिक और राजकोषीय नीतियां मिलकर काम कर रही हैं और मजबूत बजट एवं आरबीआई के हालिया फैसलों से बढ़ती अर्थव्यवस्था को और लाभ होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच अच्छा समन्वय रहा है और कोई भी एक-दूसरे के कार्य में दखल नहीं देता है।
उन्होंने नई दिल्ली में बजट के बाद की परंपरागत बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और मल्होत्रा के साथ आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल से मुलाकात की।
वित्त मंत्री के अनुसार, इंडस्ट्री को खपत में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। इस कारण से इंडस्ट्री अपनी क्षमता उपयोग को बढ़ाने पर विचार कर रही है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि मैं इसे सकारात्मक संकेत के रूप में देखती हूं और आरबीआई द्वारा रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती के फैसले से अर्थव्यवस्था को आवश्यक गति मिलेगी।
वित्त मंत्री के मुताबिक, रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती बजट में खपत बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों के पूरक के रूप में काम करेगी। इससे देश में मांग को बड़ा बूस्ट मिलेगा।
आरबीआई ने संकेत भी दिया कि अगर सिस्टम में अधिक लिक्विडिटी डालने की आवश्यकता होती है तो जरूरी कदम उठाए जाएंगे, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मौद्रिक नीति संचरण प्रभावी बना रहे।
वित्त मंत्री सीतारमण ने आगे कहा कि बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) में बदलाव किसी वैश्विक घटनाक्रम की प्रतिक्रिया नहीं है और पिछले दो वर्षों से इस पर काम चल रहा था।
उन्होंने कहा, “हम इंडस्ट्री की आवश्यकता के अनुसार टैरिफ सुरक्षा प्रदान करेंगे। साथ ही इंडस्ट्री को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।”
इंडस्ट्री लीडर्स को विश्वास है कि केंद्रीय बैंक और सरकार के समर्थन से उभरते बाजारों पर बढ़ते डॉलर के दबाव के बावजूद विदेशी मुद्रा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित करना जारी रखेगा।
–आईएएनएस
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