'न भोजन, न पानी, सिर्फ चाय से चल रहा जीवन', काशी पहुंचे 'चाय वाले बाबा' ने बताई अपनी सच्चाई
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वाराणसी, 7 फरवरी (आईएएनएस)। महाशिवरात्रि से पहले काशी में साधु-संतों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। प्रयागराज से आए कई अखाड़ों के संत काशी के घाटों पर प्रवास कर रहे हैं। इसी बीच एक संत खासी सुर्खियां बटोर रहे हैं। हरिद्वार से वाराणसी पहुंचे जूना अखाड़ा के संत योगीराज गौतम गिरि को लोग “चाय वाले बाबा” के नाम से जानते हैं। उनका दावा है कि वह पिछले 12 वर्षों से सिर्फ चाय पीकर ही जीवित हैं और उन्होंने इस दौरान न तो अन्न का दाना ग्रहण किया है और न ही पानी या फल का सेवन किया है।
काशी के हनुमान घाट पर योग साधना कर रहे योगीराज गौतम गिरि का कहना है कि महाशिवरात्रि पर सभी अखाड़ों के संत काशी प्रवास करते हैं और बाबा विश्वनाथ की परिक्रमा कर उनसे प्रार्थना करते हैं। उन्होंने कहा, “जब अमृत स्नान हो जाता है, तो हमारे देवी-देवता बनारस आते हैं और महादेव जी को प्रणाम करते हैं। सभी नागा बाबा महाशिवरात्रि पर यहां परिक्रमा करते हैं और महादेव से प्रार्थना करते हैं ताकि संसार सुख, समृद्धि और शांति से भरा रहे।”
योगीराज गौतम गिरि ने बताया कि वह हिमालय में तपस्या करते हैं और पिछले 12 वर्षों से सिर्फ चाय पीकर ही जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम कोई भोजन, जल, फल या जूस नहीं लेते। हम आत्मा और तत्वों के जरिए योग साधना करते हैं और समाधि में लीन रहते हैं।” उन्होंने दावा किया कि उनकी साधना का असर उनके शरीर पर साफ दिखता है, जो पूरी तरह स्वस्थ और ऊर्जा से भरपूर है।
हनुमान घाट पर योग साधना कर रहे योगीराज गौतम गिरि का कहना है कि प्रकृति के अनुरूप जीवन जीने से कोई भी व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। उन्होंने लोगों को भी योग अपनाने और प्राकृतिक जीवनशैली के प्रति जागरूक होने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि के अवसर पर वह यहीं भगवान शिव की तपस्या करेंगे।
–आईएएनएस
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