फिलिस्तीनियों तक मदद पहुंचाने में जुटा संयुक्त राष्ट्र, गाजा में सहायता अभियान को दे रहा विस्तार


संयुक्त राष्ट्र, 6 फरवरी (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि वे और उनके सहयोगी पूरे क्षेत्र में जरूरतों का आकलन कर रहे हैं और सहायता अभियान बढ़ा रहे हैं। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने बुधवार को कहा कि वह मुख्य रूप से गाजा के लोगों के लिए चिंतित हैं। 2.1 मिलियन आबादी में से 90 प्रतिशत पहले ही अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ओसीएचए ने कहा कि विश्व निकाय और उसके सहयोगियों का अनुमान है कि 5,00,000 से अधिक विस्थापित फिलिस्तीनी अकेले उत्तरी गाजा लौट आए हैं, जहां तंबू और शेल्टर मटेरियल की तत्काल आवश्यकता है।

इस कमी को दूर करने के लिए अस्थायी परिस्थितियों में रहने वाले परिवारों पर बारिश के प्रभाव को दूर करने के लिए फिलिस्तीन रेड क्रिसेंट सोसाइटी ने मंगलवार को दक्षिणी से उत्तरी गाजा तक टेंट के 22 ट्रक पहुंचाए।

ओसीएचए ने कहा, “पूरे गाजा में विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) द्वारा समर्थित 22 बेकरियां अब चालू हैं।”

ओसीएचए ने कहा, “स्वास्थ्य साझेदार पूरी पट्टी में प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना जारी रखे हैं। कल (मंगलवार) आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करने के लिए पांच एम्बुलेंस गाजा में दाखिल हुईं।”

कार्यालय ने कहा कि 19 जनवरी को युद्धविराम प्रभावी होने के बाद से उसके साझेदारों ने पुनर्वास जरुरतों का मूल्यांकन करने के लिए 100 से अधिक गैर-कार्यात्मक स्वास्थ्य सेवा बिंदुओं पर तेजी से मूल्यांकन किया।

कार्यालय ने कहा कि मानवीय साझेदारों ने 19 जनवरी से अब तक 5 वर्ष से कम उम्र के 30,000 से अधिक बच्चों की कुपोषण के लिए जांच की है। उन जांचों में से 1,150 तीव्र कुपोषण के मामलों की पहचान की गई, जिनमें गंभीर तीव्र कुपोषण के 230 मामले शामिल हैं।

खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने दीर अल बलाह और खान यूनिस में चरवाहों को समर्थन देने के लिए लगभग 100 मीट्रिक टन पशु चारा वितरित किया, जिससे कृषि क्षेत्र में काम करने वाले सैकड़ों लोगों को लाभ हुआ।

ओसीएचए ने कहा, “पूरी पट्टी में शिक्षा भागीदारों ने कल (मंगलवार) गाजा, राफा और खान यूनिस प्रांतों में तीन नए अस्थायी शिक्षण स्थान स्थापित किए, जिससे 200 स्कूली बच्चों को लाभ हुआ।”

–आईएएनएस

एसएचके/एमके


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