भारत में तेजी से बढ़ रहा कारोबार, वित्त वर्ष 24 में बड़े पोर्ट्स ने संभाला 819 मिलियन टन कार्गो
नई दिल्ली, 5 फरवरी (आईएएनएस)। भारत में कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। देश के बड़े पोर्ट्स ने वित्त वर्ष 2023-24 में 819.23 मिलियन टन कार्गो संभाला है, जो कि वित्त वर्ष 2014-15 में 581.34 मिलियन टन था। यह 3.5 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) को दर्शाता है। यह जानकारी सरकार ने बुधवार को संसद में दी।
केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि 2023-24 के दौरान संभाले गए कार्गो में 33.80 प्रतिशत लिक्विड बल्क, 44.04 प्रतिशत ड्राई बल्क और 22.16 प्रतिशत कंटेनर कार्गो शामिल था।
उन्होंने आगे कहा कि प्रमुख पोर्ट्स का इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और क्षमता वृद्धि एक सतत प्रक्रिया है जिसमें नए बर्थ और टर्मिनलों का निर्माण, मौजूदा बर्थ और टर्मिनलों का मशीनीकरण, बड़े जहाजों को आकर्षित करने के लिए ड्राफ्ट को गहरा करने के लिए कैपिटल ड्रेजिंग के साथ-साथ सड़क और रेल संपर्क का विकास शामिल है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया, महाराष्ट्र में वधावन पोर्ट को देश में मेगा कंटेनर पोर्ट के रूप में विकसित करने की मंजूरी दी गई है, जिससे नई पीढ़ी के बड़े आकार के कंटेनर जहाजों की आवश्यकता को पूरा किया जा सके।
सरकार ने पिछले चार वर्षों में केंद्र द्वारा संचालित प्रमुख पोर्ट्स और निजी कंपनियों एवं राज्य सरकारों द्वारा प्रबंधित गैर-प्रमुख पोर्ट्स पर संभाले गए कुल कार्गो के आंकड़े पेश किए। देश के सभी पोर्ट्स पर संभाला गया कुल कार्गो 2020-21 में 1247.72 मिलियन टन से बढ़कर 2023-24 में 1540.23 मिलियन टन हो गया है। इस कार्गो का 819.23 मिलियन टन प्रमुख पोर्ट्स द्वारा और 721 मिलियन टन अन्य पोर्ट्स के माध्यम से संभाला गया था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने निर्यात से जुड़े उद्योगों के लिए लॉजिस्टिक्स को सुव्यवस्थित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें नए बर्थ, टर्मिनल और पार्किंग प्लाजा का निर्माण, मौजूदा बर्थ और टर्मिनलों का मशीनीकरण और आधुनिकीकरण, रेल और सड़क के माध्यम से अंतर्देशीय संपर्क का विस्तार करना शामिल है।
–आईएएनएस
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