सरकार ने आदिवासी कल्याण योजनाओं का बजट 46 प्रतिशत बढ़ाया

सरकार ने आदिवासी कल्याण योजनाओं का बजट 46 प्रतिशत बढ़ाया

नई दिल्ली, 2 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने अनुसूचित आदिवासियों के विकास के लिए कुल बजट आवंटन वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 45.79 प्रतिशत बढ़कर 14,925.81 करोड़ रुपये कर दिया है, जो वित्त वर्ष 2024-25 में 10,237.33 करोड़ रुपये था।

प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएएजीवाई) का विस्तार किया गया है और इसे पांच वर्षों में 80,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीएजेजीयूए) के तहत शामिल किया गया है।

जनजातीय कार्य मंत्रालय के बजट परिव्यय में लगातार वृद्धि देखी गई है, जो 2023-24 में 7,511.64 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 10,237.33 करोड़ रुपये हो गया है और अब 2025-26 में 14,925.81 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

जनजातीय कार्य मंत्रालय का बजट 2014-15 में 4,497.96 करोड़ रुपये था और मौजूदा बजट आवंटन 2014-15 के बजट से 231.83 प्रतिशत अधिक है, जो आदिवासी कल्याण पर सरकार के निरंतर फोकस को दर्शाता है।

आदिवासी आबादी के उत्थान के लिए सभी प्रमुख योजनाओं में आवंटन में वृद्धि हुई है।

दूरदराज के क्षेत्रों में आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) का परिव्यय पिछले साल के 4,748 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना होकर 7,088.60 करोड़ रुपये हो गया है।

प्रधानमंत्री जन जातीय विकास मिशन के तहत आवंटन पिछले वर्ष के 152.32 करोड़ रुपये से बढ़कर 380.40 करोड़ रुपये हो गया है, जिससे आदिवासी समुदायों के लिए साल भर आय-सृजन के अवसर पैदा करने के प्रयासों को बल मिला है।

शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार में ढांचागत अंतराल को पाटने पर ध्यान केंद्रित करते हुए पीएमएएजीवाई के लिए आवंटन को 163 प्रतिशत बढ़ाकर 335.97 करोड़ रुपये किया गया है।

जनजातीय कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने कहा, “यह बजट शिक्षा, आजीविका और बुनियादी ढांचे में केंद्रित निवेश के साथ आदिवासी कल्याण के प्रति हमारे समर्पण का एक प्रमाण है, जो उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है। हमारी सरकार आदिवासी सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।”

—आईएएनएस

एबीएस/

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