बांग्लादेश : बॉर्डर गार्ड प्रमुख की भारत यात्रा को 'गुप्त' रखने के लिए मीडिया के निशाने पर यूनुस सरकार, क्या है पूरा मामला ?


ढाका, 25 जनवरी (आईएएनएस)। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में काम कर रही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इन दिनों अपने ही देश में आलोचनाओं का सामना कर रही है। यह आलोचना बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) के प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद अशरफुल इस्लाम सिद्दीकी की भारत यात्रा को लेकर हो रही है।

सिद्दीकी फरवरी में भारत आएंगे। इस दौरान बीजीबी और भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुखों के बीच सीमा सुरक्षा पर एक अहम सम्मेलन होगा। हालांकि, इस यात्रा को लेकर बांग्लादेशी मीडिया सरकार की आलोचना की कर रही है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि बीजीबी प्रमुख की भारत यात्रा के बारे में गोपनीयता रखी जा रही है और इस कारण सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

बीजीबी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यात्रा को लेकर कोई गोपनीयता नहीं रखी जा रही है और न ही ऐसा कोई प्रयास किया जा रहा है।

बीजीबी ने अपने बयान में कहा कि मीडिया द्वारा प्रकाशित खबरें उनकी छवि को धूमिल कर रही हैं और लोगों में भ्रम फैला रही हैं।

बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड ने यह भी कहा कि इस यात्रा के दौरान बांग्लादेश के विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों के प्रतिनिधि भी बीजीबी के साथ बैठक में भाग लेंगे।

बैठक 17-21 फरवरी के बीच होगी। यह समय में हो रही है जब सीमा पर तनाव बढ़ रहा है। खासकर पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के सुखदेवपुर में हाल ही में सीमा पर हुई झड़पों के बाद बॉर्डर पर सुरक्षा की स्थिति को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। भारतीय ग्रामीणों ने सीमा पार से अपराधियों के हमलों और बांग्लादेशियों द्वारा उनकी फसलें चुराने या नष्ट करने की शिकायतें की हैं।

इससे पहले 13 जनवरी को भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के कार्यवाहक उच्चायुक्त नूरल इस्लाम को बुलाकर भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा उपायों के संबंध में चर्चा की थी। मंत्रालय ने बताया कि भारत ने सीमा पर सुरक्षा प्रोटोकॉल और समझौतों का पालन किया है, और बांग्लादेश से उम्मीद जताई कि वह भी इन समझौतों को लागू करेगा और सीमा पार अपराधों से निपटने के लिए सहयोग करेगा। भारत ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि वह सीमा पर अपराध मुक्त स्थिति बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाएगा, जिसमें कांटेदार तार की बाड़, सीमा पर प्रकाश व्यवस्था और तकनीकी उपकरणों की स्थापना शामिल हैं।

भारत ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश द्वारा पहले की सभी सहमतियों को लागू किया जाएगा और सीमा पार अपराधों से निपटने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।

–आईएएनएस

पीएसएम/एमके


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