2023 में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुआ हमला था गंभीर , हमें जवाबदेही की उम्मीद : विदेश मंत्री एस जयशंकर


वाशिंगटन, 23 जनवरी (आईएएनएस)। बुधवार को नवनियुक्त अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात के कुछ घंटे बाद विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने कहा कि 2023 में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले को लेकर भारत को उम्मीद है कि ‘बहुत गंभीर मामले’ को लेकर ‘जवाबदेही तय’ की जाएगी। वे 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए अमेरिका में थे।

जयशंकर ने बुधवार को वाशिंगटन डीसी में एक संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कही। बोले, ‘सैन फ्रांसिस्को में हमारे वाणिज्य दूतावास पर आगजनी का हमला एक बहुत ही गंभीर मामला है। यह ऐसा मामला है जिसके लिए हम जवाबदेही की उम्मीद करते हैं। हम यह देखना चाहेंगे कि जिन लोगों ने इसे किया, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाए। भारत इस घटना के लिए जवाबदेही की उम्मीद करता है।’

मार्च 2023 में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय महावाणिज्य दूतावास पर हमलावरों के एक समूह ने हमला किया था। असामाजिक तत्वों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था और वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों पर हमला किया था।

कुछ हमलावरों ने कुछ ज्वलनशील पदार्थों का उपयोग करके वाणिज्य दूतावास की इमारत को आग लगाने की भी कोशिश की थी।

प्रदर्शनकारियों को अस्थायी सुरक्षा अवरोधों को तोड़ते हुए देखा गया था और वे खालिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे। वाणिज्य दूतावास परिसर के अंदर दो खालिस्तानी झंडे भी लगाए गए थे।

लगभग तीन महीने बाद, जुलाई में फिर से, हिंसक खालिस्तानी कार्यकर्ताओं ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया और उसे जलाने की कोशिश की।

हालांकि, इस घटना से राजनयिक भवन के परिसर के अंदर कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह दूसरी बार था जब खालिस्तानियों ने वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाया।

उस समय, इस हमले को वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनयिक तंत्र के सर्वोच्च स्तर के ध्यान में लाया गया, जिसने एजेंसियों को घटना की तुरंत जांच करने और सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया था।

भारत ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह इस मामले में कार्रवाई देखना चाहता है, न कि केवल सहानुभूति। वह चाहता था कि इन घटनाओं में शामिल लोगों की गिरफ्तारी हो और भविष्य में ऐसे किसी भी हमले को रोकने के लिए अमेरिकी अधिकारियों द्वारा एहतियाती उपाय किए जाएं।

स्थानीय सैन फ्रांसिस्को पुलिस विभाग, विशेष राजनयिक सुरक्षा कर्मियों और राज्य और संघीय अधिकारियों को सूचित किया गया और उन्होंने जुलाई की घटना की जांच शुरू की।

इस घटना की अमेरिका ने कड़ी निंदा की थी और इसे “आपराधिक कृत्य” बताया था।

डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने मार्को रुबियो के साथ द्विपक्षीय बैठक की।

विदेश मंत्री जयशंकर के अनुसार, दोनों नेताओं ने बांग्लादेश पर भी संक्षिप्त चर्चा की। हालांकि, विदेश मंत्री ने इस पर और अधिक जानकारी नहीं दी और कहा कि “मुझे नहीं लगता कि यह उचित है”।

विदेश मंत्री जयशंकर ने मंगलवार को नए डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की पहली क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लिया था और उसके तुरंत बाद रुबियो के साथ पहली द्विपक्षीय बैठक की थी।

इसके अलावा, विदेश मंत्री ने रुबियो के समक्ष वीजा में लंबे समय तक देरी पर भारत की चिंताओं को भी उठाया और कहा कि देरी से व्यापार, पर्यटन और समग्र संबंध प्रभावित होते हैं।

-आईएएनएस

केआर/


Show More
Back to top button