जनेप प्राधिकरण दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बंदरगाहों में से एक और 10 मिलियन से अधिक टीईयू क्षमता के साथ भारत का सबसे बड़ा पत्तन : सर्बानंद सोनोवाल

जनेप प्राधिकरण दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बंदरगाहों में से एक और 10 मिलियन से अधिक टीईयू क्षमता के साथ भारत का सबसे बड़ा पत्तन : सर्बानंद सोनोवाल

मुंबई, 22 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बुधवार को मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पत्तन प्राधिकरण (जनेप प्राधिकरण) पर क्षमता विस्तार के लिए लगभग 2,000 हजार करोड़ रुपये की कई परियोजनाएं शुरू कीं। केंद्रीय मंत्री ने पत्तन की सुरक्षा और दक्षता को बढ़ावा देते हुए एक सौर ऊर्जा संचालित नाव, स्वदेशी रूप से विकसित दो 70टी टग और तीन फायर टेंडर भी लॉन्च किए।

मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, जवाहरलाल नेहरू पत्तन प्राधिकरण (जनेप प्राधिकरण) जनवरी 2025 में 10+ मिलियन टीईयूएस क्षमता को पार कर दुनिया और भारत के सबसे बड़े पत्तनों में से एक है और 2027 तक 10 मिलियन टीईयूएस थ्रूपुट हासिल करने के लिए तैयार है। 2024 में, पत्तन ने 90 प्रतिशत से अधिक क्षमता पर प्रदर्शन करते हुए 7.05 मिलियन टीईयू की उच्चतम कंटेनर मात्रा को संभाला। पिछले वर्ष इसकी वार्षिक वृद्धि 11 प्रतिशत थी। जनवरी 2025 में भारत मुंबई कंटेनर टर्मिनल (बीएमसीटी) के दूसरे चरण के चालू होने के साथ, जनेप प्राधिकरण की कुल क्षमता में 2.4 मिलियन टीईयूएस और जुड़ गए हैं। 2025 में न्हावाशेवा फ्रीपोर्ट टर्मिनल (एनएसएफटी) के उन्नयन से भी पत्तन की क्षमता बढ़ने की संभावना है। वर्तमान दर के विकास अनुमानों के साथ, कंटेनर हैंडलिंग क्षमता 10.4 मिलियन टीईयूएस तक बढ़ गयी है|

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनेप प्राधिकरण भारत के वैश्विक व्यापार के लिए एक प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। जैसे-जैसे भारत के व्यापार की मात्रा बढ़ रही है, हमारे पत्तनों क्षमता भी बढ़ रही है। हमारा मानना है कि 10 मिलियन टीईयू को संभालने के लिए दुनिया के शीर्ष पत्तनों में से एक जेएनपीए के उत्थान के साथ भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हो गया है।”

वधावन पत्तन परियोजना के विकास के लिए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में प्रमुख समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। वाप परियोजना लिमिटेड और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत वधावन पत्तन पर 50 एकड़ भूमि के साथ लिक्विड जेट्टी आवंटित करता है। इस पर 645 करोड़ रुपये निवेश का अनुमान है और इसके 2030 तक शुरू होने की संभावना है। वधावन और उसके आसपास डहाणू और पालघर में शॉर्टलिस्ट किए गए गांवों के लिए एकीकृत कृषि और बागवानी योजना के विकास और कार्यान्वयन के लिए वाप परियोजना लिमिटेड और डॉ. बालासाहेब सावंत कोकण कृषि विद्यापीठ, दापोली (डीबीएसकेकेवीडी) के बीच एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, वाप परियोजना लिमिटेड और हुडको के बीच एक मजबूत कामकाजी साझेदारी स्थापित की गई है। इस साझेदारी का उद्देश्य पार्टियों को नियंत्रित करने वाले सभी लागू कानूनों, नियमों और विनियमों का पालन करते हुए समन्वय, सहयोग और संसाधन साझाकरण को बढ़ाना है। इस समझौते के हिस्से के रूप में, मेसर्स हुडको ने नए पत्तनों और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं के विकास के लिए 25,000 करोड़ तक की फंडिंग प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई है।

जवाहरलाल नेहरू पत्तन प्राधिकरण (जनेप प्राधिकरण) में 2000 करोड़ रुपये की क्षमता वृद्धि परियोजनाओं के हिस्से के रूप में, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बुधवार को एक अत्याधुनिक कृषि प्रसंस्करण सुविधा के विकास का शुभारंभ किया। 284 करोड़ रुपये के निवेश के साथ यह अग्रणी पहल, भारत के कृषि व्यापार बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।

वार्षिक लगभग 1.2 मिलियन टन कार्गो के लिए बनाई की गई यह सुविधा खाद्य सुरक्षा और व्यापार नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रसंस्करण, छंटाई, पैकिंग और प्रयोगशाला सुविधाओं सहित व्यापक सेवाएं प्रदान करेगी। यह सुविधा न केवल महाराष्ट्र बल्कि मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों के कृषि उत्पादकों और व्यापारियों की सेवा के लिए रणनीतिक रूप से विकसित की गई है, जो कृषि वस्तुओं के निर्बाध निर्यात-आयात और घरेलू व्यापार को बढ़ावा देती है। क्षमता विकास के साथ-साथ खाली भूमि पार्सल का मुद्रीकरण करने के लिए जनेप प्राधिकरण की पहल के तहत पत्तन क्षेत्र में एक गोदाम सुविधा स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इन परिवेशीय और तापमान नियंत्रित भंडारण और सीएफएस सुविधाओं के विकास के लिए 300 करोड़ रुपये का निवेश तय किया जा रहा है। एक बार पूरी तरह चालू होने पर, यह वार्षिक 1,20,000 टीईयूएस उत्पन्न करेगा।

इसके अलावा वेयरहाउसिंग सुविधाएं, पत्तन सुविधा केंद्र के साथ-साथ व्यवसाय सुविधा केंद्र विकसित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। सोनोवाल ने शिक्षा के माध्यम से सामुदायिक विकास के लिए बंदरगाह परिसर के भीतर एक सीबीएसई स्कूल भवन के विकास के लिए भूमिपूजन भी किया। जनेप प्राधिकरण विशेष आर्थिक क्षेत्र, भारत का पहला बंदरगाह-आधारित परिचालन बहु-उत्पाद एसईजेड औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। 277.38 हेक्टेयर विशाल भूमि में फैला, जनेप प्राधिकरण एसईजेड पानी, सड़क, रेल और वायु के माध्यम से निर्बाध कनेक्टिविटी के साथ रणनीतिक रूप से स्थित है। 163 हेक्टेयर पट्टे योग्य भूमि में से 124 हेक्टेयर भूमि पहले ही 54 इकाइयों को आवंटित की जा चुकी है, जिसमें 10 इकाइयां और एक मुक्त व्यापार भंडारण क्षेत्र (एफटीडब्ल्यूजेड) पहले से ही चालू है। ये परिचालन इकाइयां भंडारण, खाद्य प्रसंस्करण, विनिर्माण और व्यापार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लगी हुई हैं।

बिजली के लिए एक विशेष योजना प्राधिकरण (एसपीए) और विद्युत वितरण लाइसेंसधारी के रूप में, जनेप प्राधिकरण एसईजेड निवेशकों के लिए अनुमोदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करते हुए एकल-खिड़की मंजूरी सुनिश्चित करता है। एसईजेड भूमि के 60 साल के पट्टे के लिए पारदर्शी ई-निविदा सह ई-नीलामी प्रक्रिया निवेश आकर्षित करने में महत्वपूर्ण रही है। जनेप प्राधिकरण एसईजेड के प्लॉट धारकों में वेलस्पन वन, डीपी वर्ल्ड और फाइन ऑर्गेनिक्स जैसे प्रमुख उद्योग समूह शामिल हैं। परिचालन भूखंडों द्वारा मौजूदा निवेश 623 करोड़ रुपये है और भूखंड-धारकों द्वारा प्रस्तावित निवेश 1700 करोड़ रुपये है, जो क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देने में एक महत्वपूर्ण कदम है। वित्त वर्ष 2023-24 में जनेप प्राधिकरण एसईजेड पर एक्जिम व्यापार 8051 टीईयू और 13,939 करोड़ रुपये था और वित्त वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 13906 टीईयूएस और 7314 करोड़ रुपये दिसंबर 2024 तक हो गया है, जो वैश्विक व्यापार को एक साथ जोड़ता है।

–आईएएनएस

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