नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की संवैधानिक गारंटी तथा अन्य मांगों को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सरकार को घेरते हुए कहा कि उसे उपभोक्ताओं की चिंता है, लेकिन उत्पादन करने वालों की नहीं।
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “किसान की मेहनत से देश की जनता को खाने की वस्तुएं मिलती हैं। अगर वह चाहता है कि उसको अपनी फसलों का अच्छा दाम मिलना चाहिए, तो गलत क्या है। किसान के पास जमीन और उत्पादन के अलावा कुछ नहीं है। किसानों के पास पैसे नहीं है, अगर वह बैंक से पैसे लेता है और फसल खराब हो जाए, तो वह उसको चुका नहीं पाता। इसलिए लोन माफ किए जाते हैं।”
उन्होंने कहा कि अगर किसान दिल्ली आकर यह कहता है कि उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए, तो गलत क्या है? लेकिन चर्चा यह हो रही है कि उन्होंने सब कुछ दे दिया। अगर ऐसा है तो किसान क्यों खड़े हैं। किसान अपनी जिंदगी अच्छे से बिताए और उनको अच्छा काम मिले, यह बहुत जरूरी है।
सिब्बल ने कहा, “इस बात से तो लोग डरते हैं कि महंगाई बढ़ रही है और सस्ते दाम पर चीजें मिलनी चाहिए। ऐसे में जो उपभोक्ता हैं, उनका हमें ज्यादा ख्याल है, लेकिन जो उत्पादन करता है, उसका कम ख्याल है। ऐसी नीति गलत है और किसान को सही मुआवजा मिलना ही चाहिए। किसान अपनी जायज मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और उन पर जो आंसू गैस चला रहे हैं, वे आखिर में रोएंगे।”
नई दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखी चिट्ठी पर सिब्बल ने कहा, “पूरे देश के लॉ एंड ऑर्डर पर बात करनी चाहिए। मणिपुर मुद्दे को एक साल से ज्यादा हो गया। दिल्ली तो फिर भी राजधानी है। किसान सरकार से मिलना चाहते हैं, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा है और आंसू गैस चलाए जा रहे हैं। यह कानून-व्यवस्था नहीं है।”
–आईएएनएस
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