आद‍ित्‍य ब‍िड़ला समूह राजस्थान में सीमेंट और रिन्यूएबल सेक्टर में करेगा 30,000 करोड़ रुपये का निवेश


जयपुर, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरपर्सन कुमार मंगलम बिड़ला ने सोमवार को बयान दिया है कि उनका समूह अगले 4 से 5 वर्षों में राजस्थान में रिन्यूएबल और सीमेंट सेक्टर में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।

‘राइज‍िंग राजस्‍थान ग्‍लोबल सम‍िट’ के साइडलाइन में समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए बिड़ला ने कहा कि हमारा परिवार राजस्थान से है हम यहां पर बड़े निवेशक भी हैं। हमारा अनुभव भी राजस्थान में काफी अच्छा रहा है। आगे चलकर हम प्रदेश में अगले 4 से 5 वर्षों में रिन्यूएबल एनर्जी और सीमेंट सेक्टर में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए बिड़ला ने कहा कि उनके नेतृत्व में देश के अलग-अलग राज्यों में काफी सारे अच्छे काम हो रहे हैं और इंडस्ट्री विकसित हो रही हैं।

बिड़ला ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि अल्ट्राटेक सीमेंट राजस्थान में अपनी सीमेंट उत्पादन क्षमता को एक करोड़ टन बढ़ाएगी। वर्तमान में समूह की सीमेंट इकाई की राजस्थान में उत्पादन क्षमता दो करोड़ टन है। आगे कहा कि समूह की आभूषण इकाई भी राज्य में एक छोटी विनिर्माण इकाई स्थापित करने की योजना बना रही है।

ड्यूश बैंक के डायरेक्टर पंकज ओझा आईएएनएस से बातचीत ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था की रैंकिंग दसवें स्थान से सुधरकर पांचवीं हो गई है। भारत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है। यहां के बाजार उभर रहे हैं और लोगों की खर्च करने की क्षमता में इजाफा हो रहा है। इस कारण से भारत पर पूरी दुनिया का भरोसा बढ़ता जा रहा है।

उदयपुर राजघराने के लक्ष्य राज सिंह मेवाड ने आईएएनएएस के साथ बातचीत में कहा कि इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टूरिज्म सेक्टर पर बात की। इसके लिए उनका धन्यवाद देना चाहता हूं। इसके साथ ही उन्होंने इस क्षेत्र की बारीकियों जैसे हेरिजेट टूरिज्म और वेडिंग टूरिज्म का जिक्र किया। इससे क्षेत्र के लोगों का मनोबल बढ़ता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का सोमवार को उद्घाटन किया। इस दौरान देश के बड़े कारोबारी और कई देशों के राजदूत इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का निर्यात पिछले 10 वर्षों में दोगुना हो गया है। 2014 के पहले के दशक की तुलना में बीते दशक में देश में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) दोगुना हुआ है। इस दौरान भारत ने इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश तीन लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

–आईएएनएस

एबीएस/


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