दलाल स्ट्रीट पर बुल्स की दहाड़, आरबीआई मीटिंग के फैसले से पहले सेंसेक्स 809 अंक चढ़ा


मुंबई, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को उतार-चढ़ाव भरे सत्र के बीच हरे निशान में बंद हुआ। कारोबार के अंत में आईटी शेयरों में खरीदारी देखी गई। सेंसेक्स 809.53 अंक या 1 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,765 पर बंद हुआ। जबकि, निफ्टी 240.95 अंक या 0.98 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,708.40 पर बंद हुआ।

आरबीआई के आगामी ब्याज दर के फैसले को लेकर निवेशकों की आशावादिता को शेयर बाजार में इस तेजी का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक (एमपीसी) 4 नवंबर को शुरू हुई और आरबीआई गवर्नर शक्ति कांत दास 6 नवंबर को एमपीसी के फैसलों की घोषणा करेंगे।

कारोबार सत्र में सेंसेक्स ऊपरी स्तर पर 82,317 और निचले स्तर पर 80,467 पर पहुंचा।

विशेषज्ञों के अनुसार, “बाजार ने दिन के निचले स्तर से तेज रिकवरी का अनुभव किया और मजबूत लाभ के साथ बंद हुआ। आरबीआई द्वारा मौद्रिक नीति में नरमी की उम्मीद में पिछले कुछ दिनों से एफआईआई द्वारा भारत की ओर सकारात्मक रुख ने बाजार की धारणा को मजबूत किया।”

व्यापक बाजार सूचकांकों में बढ़ती अस्थिरता के बावजूद, निवेशकों के विश्वास ने सूचकांक को सकारात्मक क्षेत्र में कारोबार करने के लिए प्रेरित किया। निफ्टी मिडकैप-100 इंडेक्स 329.15 अंक या 0.57 प्रतिशत की बढ़त के साथ 58,441.55 पर बंद हुआ। जबकि, निफ्टी स्मॉलकैप-100 इंडेक्स 160 अंक या 0.83 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,333.55 पर बंद हुआ।

सेक्टोरल फ्रंट पर आईटी, ऑटो, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, मीडिया, एनर्जी, प्राइवेट बैंक हरे निशान में बंद हुए। पीएसयू बैंक और रियल्टी सेक्टर लाल निशान में बंद हुए। सेंसेक्स पैक में टीसीएस, टाइटन, इंफोसिस, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस और आईसीआईसीआई बैंक टॉप गेनर्स रहे। वहीं, एनटीपीसी, एशियन पेंट्स और इंडसइंड बैंक टॉप लूजर्स रहे।

एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी ने कहा, “रुपये में सकारात्मक रुख रहा और यह 0.06 की बढ़त के साथ 84.70 के करीब बंद हुआ। इसे सेकेंडरी मार्केट में मजबूती का समर्थन मिला, क्योंकि इंडेक्स में करीब 1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई।”

उन्होंने कहा, “बाजार सहभागियों को उम्मीद है कि शुक्रवार की आरबीआई पॉलिसी कुछ सकारात्मक संकेत देगी। हालांकि, ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं है। लेकिन, भविष्य में ब्याज दरों में कटौती या लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए सीआरआर में कमी का कोई संकेत बाजार और रुपये दोनों को महत्वपूर्ण समर्थन दे सकता है।”

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम


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