नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। एक शोध में यह बात सामने आई है कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों में लंबे समय तक सेक्स हार्मोन उपचार से शरीर की संरचना में महत्वपूर्ण परिवर्तन हो सकते हैं और विशेष रूप से ट्रांसजेंडर पुरुषों को हार्ट डिजीज का जोखिम हो सकता है।
हार्मोन थेरेपी एक लिंग-पुष्टि करने वाला चिकित्सा उपचार है, जो ट्रांसजेंडर लोगों के शरीर को उनके वास्तविक लिंग के अनुसार बदलने में मदद करता है।
जर्नल ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित शोध से पता चला है कि हार्मोन थेरेपी के लंबे समय तक उपयोग से समय के साथ फैट की मात्रा में परिवर्तन होता है। उपचार के सिर्फ एक वर्ष के भीतर ही मांसपेशियों और ताकत में सबसे बड़ा परिवर्तन होता है।
स्वीडन में कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोध में 17 वयस्क ट्रांसजेंडर पुरुषों और 16 ट्रांसजेंडर महिलाओं को शामिल किया गया। जिन्हें टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन से उपचार दिया गया था।
मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) का उपयोग करके उन्होंने शरीर की संरचना को ध्यान में रखते हुए ब्लड टेस्ट, ब्लड प्रेशर और वैस्कुलर स्टिफ़नेस काे मापा गया।
अंतर का आकलन करने के लिए हार्मोन थेरेपी शुरू होने से पहले, एक साल बाद और फिर पांच से छह साल बाद स्कैन किए गए।
करोलिंस्का में प्रयोगशाला चिकित्सा विभाग के टॉमी लुंडबर्ग ने कहा कि टेस्टोस्टेरोन से इलाज करने वाले ट्रांसजेंडर पुरुषों की मांसपेशियों की मात्रा छह वर्षों में औसतन 21 प्रतिशत बढ़ गई।
उनके पेट की चर्बी में 70 प्रतिशत की वृद्धि के साथ-साथ, उनके लीवर में चर्बी भी अधिक थी और ‘खराब’ एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी अधिक था, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ गया।
लुंडबर्ग ने “हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्तियों में हार्मोन थेरेपी के दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों की निगरानी जारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया।”
शोधकर्ताओं ने कहा, ”उल्लेखनीय रूप से अध्ययन में एस्ट्रोजन उपचार प्राप्त करने वाली ट्रांसजेंडर महिलाओं के शरीर में होने वाले परिवर्तनों में समान वृद्धि नहीं पाई गई। उपचार के पांच साल बाद उनकी मांसपेशियों की मात्रा में औसतन सात प्रतिशत की कमी आई, जबकि मांसपेशियों की ताकत अपरिवर्तित रही। ट्रांसजेंडर महिलाओं की कुल फैट मात्रा में वृद्धि हुई लेकिन पेट की चर्बी कम हुई। ”
–आईएएनएस
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