मेड-इन-इंडिया ब्यूटी ब्रांडों को बढ़ावा देने 'मिंत्रा' ने की राइजिंग स्टार्स डी2सी शिखर सम्मेलन की मेजबानी

मेड-इन-इंडिया ब्यूटी ब्रांडों को बढ़ावा देने 'मिंत्रा' ने की राइजिंग स्टार्स डी2सी शिखर सम्मेलन की मेजबानी

बेंगलुरु, 27 नवंबर (आईएएनएस)। मेड-इन-इंडिया ब्यूटी ब्रांडों को बढ़ावा देने के अपने प्रयास के तहत ‘मिंत्रा’ ने हाल ही में ‘मिंत्रा राइजिंग स्टार्स (एमआरएस) ब्यूटी समिट’ के पहले शिखर सम्मेलन की मेजबानी की।

पिछले कुछ सालों में देश में ब्यूटी इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव देखने को मिला है, जिसमें देश के सैकड़ों स्वदेशी ब्रांड उभरे हैं। इन ब्रांडों ने ग्राहकों की ब्यूटी से जुड़ी जरूरतों को पूरा किया है।

इस इकोसिस्टम को एक साथ लाने के लिए एमआरएस ब्यूटी समिट ने इनोविस्ट, होनासा कंज्यूमर लिमिटेड, एमकैफीन, हाइफेन, मिनिमलिस्ट, शुगर, बॉम्बे शेविंग कंपनी, फॉक्सटेल, पिलग्रिम, डीकंस्ट्रक्ट और एफएई ब्यूटी सहित कई अन्य प्रतिष्ठित नामों के साथ इन ब्रांड्स के बिजनेस के प्रति जज्बे की भावना का जश्न मनाया।

मिंत्रा के चीफ बिजनेस अधिकारी शेरोन पेस ने कहा, “मिंत्रा अपने 18वें साल में प्रवेश कर रहा है। हम देश के लिए फैशन और ब्यूटी का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी यात्रा 70 लाख मासिक एक्टिव ग्राहकों और 9,700 से अधिक ब्रांडों के विश्वास पर संचालित है। आज हम एक परिवर्तनकारी युग के कगार पर खड़े हैं, क्योंकि भारत में सौंदर्य परिदृश्य अपने अगले चरण के विकास को देखने के लिए तैयार है। स्वदेशी डी2सी ब्यूटी और पर्सनल केयर ब्रांड इसको आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”

पेस ने आगे कहा, “मिंत्रा राइजिंग स्टार्स के माध्यम से हमारा लक्ष्य देश भर में लाखों ग्राहकों तक सबसे सहज तरीके से पहुंच बनाने के लिए एक मंच प्रदान करना है।”

मिंत्रा राइजिंग स्टार्स ब्यूटी समिट 2024 ने व्यावहारिक चर्चाओं और बातचीत के लिए एक मंच भी प्रदान किया है, जिसमें बैन एंड कंपनी के पार्टनर श्याम उन्नीकृष्णन का सेशन भी शामिल था। जिन्होंने भारत के सौंदर्य परिदृश्य के विकास का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया।

उन्‍होंने कहा कि 21-23 बिलियन डॉलर का भारतीय ब्यूटी और पर्सनल केयर मार्केट तेजी से बदल रहा है और अगले पांच वर्षों में ऑनलाइन बिक्री तीन गुना बढ़कर 10 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी, जिससे उभरते और डी2सी ब्रांडों के इनोवेशन का नेतृत्व करने और उभरती हुई उपभोक्ता मांग को पूरा करने के बड़े अवसर पैदा होंगे।

मिंत्रा की सीईओ नंदिता सिन्हा ने होनासा कंज्यूमर लिमिटेड की सह-संस्थापक गजल अलघ के साथ बातचीत की और देश में आई-ब्यूटी को अपनाने आ रही तेजी पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कैसे भारतीय उद्यमी विश्व स्तरीय उत्पादों के निर्माण में प्रगति कर रहे हैं।

शिखर सम्मेलन की प्रमुख विशेषताओं में तीन-पैनल चर्चाओं का आयोजन किया गया, जिसमें उद्योग के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी चर्चाएं शामिल थीं।

“इंडियाज ब्यूटी इंडस्ट्री: क्रैकिंग द कोड” शीर्षक वाले पैनल में पत्रकार और लेखिका सुजाता असोमुल, एफएई ब्यूटी की संस्थापक करिश्मा केवलरमनी, इनोविस्ट, बेयर एनाटॉमी, सनस्कूप के रोहित चावला, मैककैफीन और हाइफन की मुख्य विकास अधिकारी और सह-संस्थापक वैशाली गुप्ता और फॉक्सटेल की संस्थापक और सीईओ रोमिता मजूमदार शामिल थे।

इस पैनल ने इंटरनेट ब्यूटी स्पेस में चुनौतियों पर काबू पाने के लिए समाधानों पर चर्चा की। इसमें ग्राहकों के लिए व्यक्तिगत अनुभव प्रदान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का लाभ उठाना, टियर-II और टियर-III बाजारों में प्रवेश करने जैसी मांग पर चर्चा की गई।

इस दौरान डी2सी परिदृश्य में किस प्रकार से ग्राहकों को बरकरार रखा जाए और किस तरह से एक ब्रांड के तौर पर विकास किया जाए, पर भी चर्चा की गई।

इसके बाद एक और रोचक पैनल चर्चा हुई, जिसका विषय था “जेन जेड ग्राहकों के व्यवहार को समझना”। इसमें मेटा की ई-कॉमर्स डायरेक्टर मेघना अप्पाराओ, इली इंडिया की ब्यूटी एडिटर कन्नगी अनघ देसाई, अभिनेत्री अहसास चन्ना और मिंत्रा के सीएमओ सुंदर बालासुब्रमण्यम ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि जेन जेड क्यों ब्रांड्स के लिए अगली बड़ी उपभोक्ता पीढ़ी बन रही है और इनके साथ जुड़ाव कैसे बनाया जा सकता है।

शिखर सम्मेलन का समापन निवेशकों पर केंद्रित चर्चा के साथ हुआ, जिसमें निवेशकों के दृष्टिकोण को समझने पर फोकस किया गया। इसमें फायरसाइड वेंचर्स के सह-संस्थापक दीपांजन बसु, डीएसजी कंज्यूमर पार्टनर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और इंडिया हेड हरिहरन प्रेमकुमार, और शुगर कॉस्मेटिक के सह-संस्थापक कौशिक मुखर्जी ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने डी2सी ब्यूटी स्पेस में निवेश के फैसले लेने के पीछे की रणनीतियों पर बात की।

मिंत्रा का “राइजिंग स्टार्स प्रोग्राम”, जो पहले फैशन ब्रांड्स के लिए शुरू हुआ था, अब ब्यूटी ब्रांड्स को भी शामिल कर चुका है। इसका उद्देश्य ब्रांड्स की ग्रोथ को तेज करना और उनकी ब्रांड पहचान को मजबूत बनाना है।

इस प्रोग्राम का हिस्सा बनने वाले कई ब्रांड्स ने पहले ही उल्लेखनीय प्रगति की है, और कुछ ने काफी तेज़ विकास दर हासिल की है। वर्तमान में 300 ब्रांड्स इस प्रोग्राम का हिस्सा हैं, और अगले कुछ महीनों में 200 और नए ब्रांड्स जुड़ने की उम्मीद है।

–आईएएनएस

एफएम/एएस

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