ओपन बर्निंग के खिलाफ दिल्ली में आज से अभियान

ओपन बर्निंग के खिलाफ दिल्ली में आज से अभियान

नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों की शुरुआत के साथ वायु गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है, जिसके खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार से ओपन बर्निंग यानि खुले में आग जलाने के खिलाफ एक महीने लंबा अभियान शुरू हो रहा है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय मंगलवार को संबंधित अधिकारियों के साथ विंटर एक्शन प्लान की समीक्षा बैठक की थी। इसमें उन्होंने खुले में आग जलाकर प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ एंटी ओपन बर्निंग अभियान शुरू करने का निर्णय लिया।

एंटी ओपन बर्निंग कैंपेन एक महीने तक चलाया जाएगा। 588 गश्ती दल सख्ती से तय मापदंडों को लागू करवाने पर काम करेंगे। ये प्रदूषण से निपटने, निर्माण स्थलों का निरीक्षण करने और पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों में जागरूकता पैदा करने का भी काम करेंगे।

गोपाल राय ने बताया, ‘बुधवार से शुरू होने वाले इस अभियान का नेतृत्व दिल्ली नगर निगम, राजस्व विभाग, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, दिल्ली विकास प्राधिकरण, सिंचाई और बाढ़ विभाग और दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम द्वारा किया जाएगा, जिसमें समन्वित कार्रवाई के लिए इन विभागों की 588 टीमें होंगी।’

राय ने कहा कि शहर भर में खुले में पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी और रोकथाम के लिए पेट्रोलिंग टीमें 24 घंटे काम करेंगी।

इसके अलावा, सरकारी विभागों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि रात्रि सुरक्षा गार्डों के लिए बिजली के हीटर उपलब्ध कराए जाएं ताकि खुले में कचरा जलाने की घटनाओं पर रोक लग सके।

राय ने भाजपा शासित पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और हरियाणा से प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों को बढ़ाने की अपील की और इस बात पर जोर दिया कि सामूहिक कार्रवाई का अधिक प्रभाव होगा।

हाल ही में, दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण से निपटने के लिए 21 सूत्रीय व्यापक विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की।

गोपाल राय ने कहा कि वायु प्रदूषण के खतरे से निपटने के लिए पिछले साल की 14 सूत्रीय योजना को 21 सूत्रीय रणनीति में बदला गया है। जिसमें ड्रोन निगरानी, ​​एंटी-डस्ट अभियान, सड़क-सफाई मशीन आदि जैसे उपाय शामिल हैं।

मंत्री ने दावा किया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ चर्चा के बाद ‘आप’ सरकार के सत्ता में आने के बाद से पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी आई है।

–आईएएनएस

एससीएच/केआर

E-Magazine