मुंबई, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। हिंदी फिल्मों की मशहूर गायिका शिल्पा राव ने संगीत उद्योग में पुरुष और महिला गायकों के बीच फैले भेदभाव और गानों में दोनों को समान हिस्सेदारी देने पर आवाज बुलंद की है।
शुभंकर मिश्रा के साथ पॉडकास्ट के दौरान शिल्पा ने बताया कि वेतन काम के आधार पर मिलता है न कि लिंग के आधार पर।
शिल्पा से जब पूछा गया कि क्या महिला गायकों को पुरुष गायकों की तुलना में कम पैसा मिलता है। इस सवाल के जवाब में शिल्पा ने कहा, “पैसा हमेशा आपके काम के हिसाब से होता है, ऐसा कभी नहीं होता कि कि आप पुरुष गायक हैं तो आपको अधिक भुगतान किया जाएगा।”
महिला गायिकाओं की तुलना में पुरुष गायकों को ज्यादा तवज्जो दी जाती है। इस बारे में उन्होंने कहा, “यह सच है। आपको निर्माताओं से पूछना चाहिए। हम कहते हैं कि हमें गीत, फिल्म, कहानी में बराबर की हिस्सेदारी चाहिए। निर्माताओं को यह समझना होगा।”
शिल्पा ने हिंदी, तेलुगु और तमिल भाषाओं में गाने गाए हैं। कॉलेज के दिनों में संगीतकार मिथुन ने उन्हें 2007 की फिल्म “अनवर” का गाना “तोसे नैना” गाने के लिए ऑफर दिया था। शिल्पा ने इस गाने के साथ अपना डेब्यू किया था।
शिल्पा ने तेलुगु और तमिल में भी गाने गाए हैं।
शिल्पा फिल्म द ट्रेन के “वो अजनबी” और बचना ऐ हसीनों के “खुदा जाने” से मशहूर हुई थीं। इसके बाद शिल्पा ने इलैयाराजा के साथ “पा” में भी काम किया, जहां उन्होंने “मुडी मुड़ी इत्तेफाक से” गाना गाया था।
2012 में शिल्पा ने एआर रहमान के साथ मिलकर यश चोपड़ा की फिल्म “जब तक है जान” के लिए “इश्क शावा” में काम किया। इसके बाद ‘धूम 3’ में प्रीतम की “मलंग” और बैंग बैंग में विशाल-शेखर की “मेहरबान” में काम किया था।
अमित त्रिवेदी के साथ “मनमर्जियां” जैसे गीतों के लिए शिल्पा को सराहा गया। वह “पार चना दे” गीत के साथ कोक स्टूडियो पाकिस्तान में परफॉर्म करने वाली अंतिम भारतीय गायिका थीं।
शिल्पा ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक गीत दिए। इनके गीतों पर आज भी फैंस झूमने को मजबूर हो जाते हैं।
–आईएएनएस
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