भारत में हर साल एक ट्रिलियन के लक्ष्य को हासिल करने की है क्षमता : अर्थशास्त्री योगेंद्र कपूर

भारत में हर साल एक ट्रिलियन के लक्ष्य को हासिल करने की है क्षमता : अर्थशास्त्री योगेंद्र कपूर

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। वित्त वर्ष 2024-2025 में देश की वार्षिक जीडीपी वृद्धि 7 से 7.2 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है। जीडीपी वृद्धि दर पर आई डेलॉइट की एक लेटेस्ट रिपोर्ट को लेकर वरिष्ठ अर्थशास्त्री योगेंद्र कपूर ने आईएएनएस से खास बातचीत की।

अर्थशास्त्री योगेंद्र कपूर ने बताया कि भारत में हर साल एक ट्रिलियन का आंकड़ा हासिल करने की क्षमता है, यह थोड़ा उत्साहजनक आंकड़ा लग सकता है। मेरा मानना है कि जिस तरह के सुधार किए गए हैं – चाहे वह वित्तीय क्षेत्र के सुधार हो या बैंकिंग सुधार हो या फिर कर सुधार – भारत अब ऐसी स्थिति में है, जहां यह सालाना आधार पर सात फीसदी से अधिक की दर से बढ़ सकता है।

उन्होंने आगे कहा, “सरकार का फोकस निवेश को आमंत्रित करने के साथ-साथ पर्यावरण और एक ऐसा परितंत्र बनाने पर है, जहां हर कोई समृद्ध हो सके। मुझे लगता है कि हम एक सुनहरे दौर में हैं, जहां सब कुछ अच्छा है। हम पहले से ही देख रहे हैं कि भारत में दुनिया में सबसे अधिक संख्या में स्टार्टअप बन रहे हैं। इसलिए मुझे लगता है कि हम एक ऐसे रास्ते पर हैं, जहां हम लगातार विकास को देख सकते हैं और मुझे लगता है कि इससे हमें हर तरह से फायदा होगा।”

अर्थशास्त्री योगेंद्र कपूर ने कहा, “मुझे लगता है कि यह एक तथ्य है कि जब हम भारत को देखते हैं तो हम सभी समझते हैं कि पूरी दुनिया भारत को ज्ञान की फैक्टरी के रूप में देखती है। जब हम भारत को एक ज्ञान कारखाना कहते हैं तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हमें अपने जनसंख्या का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है, जो दुनिया में सबसे अधिक युवाओं के रूप में है। मुझे लगता है कि शिक्षा वही आधार है, जिससे कड़ी मेहनत करने और ध्यान केंद्रित करने की प्रतिबद्धता की सलाह दी जाती है।”

उन्होंने आगे कहा कि यही कारण है कि हम भारतीयों को बहुत अच्छा करते हुए देख रहे हैं। अगर आप दुनिया के किसी भी देश को देखते हैं तो उस देश के लोगों के तुलना यहां से करते हैं तो उसकी औसत के आधार पर एक भारतीय काम करने में सक्षम है। उस देश की औसत आबादी की तुलना में यहां का नागरिक बहुत बेहतर कमा सकता है। इसलिए मुझे लगता है कि जहां पैसे को खर्च करने की जरूरत है, वहां सरकार को अपना ध्यान पूरी तरह खुला रखना चाहिए।

–आईएएनएस

एफएम/एकेजे

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