नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब हम संगठित रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे। छुआछूत, अश्पृश्यता को दूर कर एकजुट रहेंगे तो खुद की और राष्ट्र की भी सुरक्षा कर सकेंगे।
हमें उन पाखंडों से दूरी बनाकर रहना है, जिससे चलते गुलामी का दंश झेलना पड़ा और आक्रांताओं को हमारे धर्म स्थलों को खंडित करने तथा सामाजिक ताने बाने को छिन्न भिन्न करने का मौका मिला।
सीएम योगी शनिवार शाम मानसरोवर रामलीला मैदान में श्री रामलीला समिति, आर्यनगर की तरफ से आयोजित प्रभु श्रीराम के राजतिलक समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने सभी लोगों को विजयादशमी की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संगठित न रहने के कारण ही गुलामी के अलग अलग कालखंड में कभी काशी में विश्वनाथ मंदिर, अयोध्या में राम मंदिर और मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर को अपवित्र करने का दुस्साहस आक्रांताओं ने किया। हम परतंत्र होंगे तो फिर ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। राजनीतिक स्वतंत्रता सिर्फ राजनीतिक ही नहीं होती। बल्कि वह सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्वतंत्रता की वाहक भी होती है। इसलिए हमें संगठित होकर स्वतंत्रता दिलाने वाले बलिदानियों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देना है।
मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा किसंगठित रहने के लिए और संगठन की ताकत दिखाने के लिए आवश्यक है कि हम जाति, मत, संप्रदाय, भाषा, छुआछूत जैसे भेदभाव से दूर रहें। इसी संदेश से लोगों को जोड़ने के लिए अयोध्या में जहां 500 वर्षों के बाद प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बना है तो वहीं श्रीराम की कथा को देने वाले महर्षि वाल्मीकि के नाम पर अयोध्या के एयरपोर्ट का नामकरण किया गया है। अयोध्या में रसोईगृह माता शबरी के नाम पर बनी है तो यात्री विश्रामालय भगवान राम के अभिन्न सखा निषादराज के नाम पर बना है। यह सामाजिक एकता भारत की विरासत का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रृंगवेरपुर में भगवान राम और निषादराज की गले मिलती प्रतिमा का निर्माण सरकार करवा चुकी है। वर्ष 2025 में प्रयागराज में भव्य और दिव्य कुम्भ का आयोजन भी विरासत के प्रति निष्ठा का प्रदर्शन होगा।
सीएम योगी ने कहा कि दुनिया में कहीं अन्य जगह जब सभ्यता का नामोनिशान नहीं था तब भारत में सभ्य सनातन समाज अस्तित्व में था। सनातन समाज कभी विपन्न नहीं रहा। वह बुद्धि और वैभव में सदैव अग्रणी रहा। साजिश के तहत क्षेत्र, जाति, भाषा, मत आदि के नाम पर मध्यकाल में उसे विभाजित किया गया, जिसके विषाणु आज भी यत्र-तत्र बिखरे पड़े हैं। इन विषाणुओं को हमें कतई पनपने नहीं देना है। हमें संगठित होकर सकारात्मक दिशा में राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव से जुड़ना है। व्यक्तिगत स्वार्थ कभी भी राष्ट्र से बढ़कर नहीं हो सकता। हमारा हर काम देश के नाम होना चाहिए। अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए हुआ आंदोलन भी इसी की प्रेरणा देता है।
राम मंदिर निर्माण के लिए हुए आंदोलन का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि उनके पूज्य गुरुदेव का आखिरी सपना मंदिर निर्माण को साकार होते देखना था। उनके जीवन के अंतिम क्षणों में जब विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल जी उनसे मिलने आए तब उन्होंने उनसे यही कहा था कि अशोक जी राम मंदिर निर्माण कब तक हो पाएगा? एक बार मंदिर निर्माण देख लेते तो जन्म धन्य हो जाता है। आज जब राम मंदिर बन गया है तो उनके गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज समेत अनगिनत संतो को तसल्ली हो रही होगी।
सीएम योगी ने कहा कि विरासत के संरक्षण और विकास की यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मजबूती से आगे बढ़ी है। देश और दुनिया में रहने वाले सनातनियों, भारतीयों को इस पर गर्व होता है। पांच साल पहले कौन मानता था कि अयोध्या में जन्मभूमि पर प्रभु श्रीराम के मंदिर का निर्माण हो पाएगा। तब हमारे जैसे कुछ सनातनी ही दृढ़ विश्वास से कहते थे कि श्रीराम मंदिर अवश्य बनेगा और आज मंदिर निर्माण का संकल्प साकार हो गया है।
उन्होंने आगे कहा कि काशी में भव्य विश्वनाथ धाम की परिकल्पना साकार हो गई है। विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी धाम का भव्य स्वरूप साकार हो रहा है। चित्रकूट रामराज्य की परिकल्पना के साकार होने का साक्षी बन रहा है। पांच हजार वर्ष पूर्व जिस शुक्रतीर्थ में पहली बार भगवत कथा हुई थी, उसका गौरव पुनर्स्थापित हो रहा है। नैमिषारण्य को पौराणिक और वैदिक काल के स्वरूप से नई काया में प्रस्तुत किया जा रहा है। आज मानसरोवर मंदिर के पास जहां यह रामलीला हो रही है वहां मंदिर के दर्शन कम भैंस के दर्शन अधिक होते थे। जबकि आज यूपी में मानसरोवर मंदिर सहित एक हजार से अधिक स्थानों का पुनरोद्धार हो चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विजयादशमी के पावन पर्व पर हम अपनी हजारों वर्ष की विरासत को अपने इष्ट के श्रीचरणों में समर्पित कर राज्याभिषेक के रूप में मनाते हैं। त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने जब अधर्म, असत्य, अन्याय और अत्याचार के पर्याय रावण का वध किया होगा तो संभवतः इसी तरह सायंकाल रहा होगा।
उन्होंने कहा कि उनके लिए यह गौरव की अनुभूति है कि उन्हें भारत की विरासत से जुड़ी विजयादशमी पर गोरक्षपीठ की तरफ से प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक का अवसर प्राप्त होता है। हजारों वर्षों पूर्व विष्णु भगवान ही धर्म की स्थापना, संतों के उद्धार और मानवता के कल्याण के लिए श्रीराम के रूप में अवतरित हुए थे। जो दुख, कष्ट, षडयंत्र आपके जीवन में रहते हैं, वही श्रीराम के साथ ही होते रहे। पर जीवन पर्यंत वह धर्म, सत्य और न्याय के मार्ग से विचलित नहीं हुए। जीवन के प्रत्येक पक्ष में मर्यादा का पालन करते हुए उन्होंने रामराज का आधार खड़ा किया।
सीएम योगी ने कहा कि विजयादशमी पर एक तरफ जहां श्रीराम का राज्याभिषेक होता है, उनकी आरती उतारी जाती है तो वहीं दूसरी तरफ इस अवसर पर रावण का पुतला दहन भी होता है। इसमें यह संदेश निहित है कि जो भी मानवता के खिलाफ काम करेगा, अत्याचार करेगा, अधर्म और असत्य के मार्ग पर चलेगा उसका ऐसे ही पुतला जलेगा, चाहे वह कोई भी हो। जो धर्म, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलते हुए मानवता का कल्याण करेगा, विरासत और विकास में सहभागी बनेगा उसकी, श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण और रामभक्त हनुमान के रूप में उसकी पूजा होती रहेगी, अभिनंदन होता रहेगा।
इस अवसर पर महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, अयोध्या से आए धर्मदास, काशी से आए संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, एमएलसी एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, प्रदीप शुक्ल, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, पूर्व महापौर सीताराम जायसवाल, चंद्र प्रकाश अग्रवाल, शोभित मोहनदास, भाजपा के जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, लोक गायक राकेश श्रीवास्तव, रामलीला समिति के अध्यक्ष रेवती रमन दास, महामंत्री पुष्पदंत जैन, मनीष अग्रवाल, दीप अग्रवाल, राजीव रंजन अग्रवाल, पंकज अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
–आईएएनएस
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