लखनऊ, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति के तहत बालिकाओं का भविष्य सुरक्षित करने की दिशा में ठोस पहल की है। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली शैक्षिक रूप से पिछड़े इलाकों की वंचित बालिकाओं को गाइड प्रशिक्षण देकर उनका भविष्य सुरक्षित किया गया है। तीन दिवसीय आवासीय गाइड प्रशिक्षण (3 से 10 अक्टूबर) में 76,000 से अधिक बालिकाओं ने भाग लिया।
योगी सरकार के इस कदम से प्रशिक्षण ले चुकी लड़कियों के लिए बीएड, डीएलएड में प्रवेश पाना आसान हो गया है। साथ ही सड़क परिवहन और रेलवे की स्काउट/गाइडिंग की भर्ती में वरीयता मिलने से उनका भविष्य उज्जवल होने की उम्मीद जगी है।
उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि प्रदेश के सभी 746 केजीबीवी में गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया गया है। इन विद्यालयों में 2,238 गाइड इकाइयां पंजीकृत थीं, जिनके माध्यम से योगी सरकार ने 76,000 बालिकाओं को गाइड प्रशिक्षण देने का कार्य पूरा किया है। इस प्रशिक्षण से बालिकाओं को भविष्य में बहुत लाभ मिलेगा। उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में वेटेज का लाभ तो मिलेगा ही, साथ ही नौकरी पाने में भी सुविधा होगी।
बता दें कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में बालिकाओं को स्काउटिंग/गाइडिंग के नियम, प्रतिज्ञा, सिद्धांत और प्राथमिक उपचार की जानकारी दी गई। साथ ही उन्हें गांठ बांधना, प्राथमिक उपचार बॉक्स का उपयोग करना और बैग त्रिकोणीय पट्टी से पत्तों को बांधना जैसी तकनीक भी सिखाई गई। शिविर के दौरान हर रात कैंप फायर का आयोजन किया गया, जिसमें खुले में भोजन पकाने और आपदाओं के दौरान बचने के तरीके भी सिखाए गए।
उल्लेखनीय है कि यह प्रशिक्षण न केवल छात्राओं के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, और आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि भविष्य में उनके लिए कई शैक्षिक और रोजगार के अवसर भी खोलेगा। उदाहरण के लिए, इन बालिकाओं को बीएड और डीएलएड में अंक का भारांक मिलेगा, और सड़क परिवहन एवं रेलवे में होने वाली स्काउट गाइडिंग की भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी। इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल बालिकाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि वे समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए भी सशक्त होंगी।
केजीबीवी बालिकाओं को प्रशिक्षित करने की तैयारी को जून माह में ही अंतिम रूप दे दिया गया था। 24 से 30 जून के मध्य सात दिवसीय आवासीय शिविर में प्रत्येक मंडल की चयनित शिक्षिकाओं को गाइड कैप्टन के रूप में प्रशिक्षित किया गया था।
–आईएएनएस
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