चेन्नई, 5 सितंबर (आईएएनएस)। भारत में महिलाएं कॉरपोरेट क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। इसकी असर है कि मौजूदा समय में स्टार्टअप और फाइनेंसियल टेक्नोलॉजी क्षेत्र के 111 यूनिकॉर्न (वैल्यूएशन एक अरब डॉलर से अधिक) में से 18 प्रतिशत का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से यह बयान दिया गया।
फिक्की-एफएलओ चेन्नई इकाई द्वारा चेन्नई में आयोजित की गई कॉन्फ्रेंस में सीतारमण ने कहा कि कॉरपोरेट कंपनियों में बीते एक दशक में महिला निदेशकों की संख्या में तीन गुना का इजाफा हुआ है।
2014 में देश में एक्टिव कंपनियों में महिला निदेशकों की संख्या 2.58 लाख थी, जो कि अब अगस्त 2024 तक बढ़कर 8.83 लाख हो गई है। इसमें 3.4 गुना का इजाफा देखने को मिला है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने आगे कहा कि तमिलनाडु में महिला निदेशकों की संख्या भी इस दौरान 4.3 गुना बढ़ी है। राज्य की एक्टिव कंपनियों में अगस्त 2024 में महिला निदेशकों की संख्या 68,000 थी, जो कि 2014 में 15,550 थी।
केंद्र सरकार की ओर से महिलाओं को सशक्त बनाए जाने को लेकर लगातार काम किया जा रहा है। आम बजट 2024-25 में महिलाओं के वेलफेयर और उन्हें सशक्त बनाने वाली स्कीमों के लिए 3.10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2013-14 में 97,134 करोड़ रुपये था।
रिसर्च फर्म डेलॉयट की ओर से की गई स्टडी का हवाला देते हुए सीतारमण ने कहा कि निफ्टी 50 कंपनियों में भी महिला निदेशकों की संख्या बढ़कर 22 प्रतिशत हो गई है, जो कि 2019 में 18 प्रतिशत थी।
उन्होंने आगे कहा कि नौसेना में जून 2023 से महिलाओं के प्रवेश की शुरुआत हुई थी। तीनों सेनाओं में महिलाओं की भर्ती की जा रही है।
वित्त मंत्री ने कहा, “आईएएफ (इंडियन एयर फोर्स) की सभी शाखाओं और स्ट्रीम में महिलाओं की भर्तियां की जा रही हैं।”
–आईएएनएस
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