नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय सैन्य बलों आर्मी, नेवी और एयर फोर्स का पहला संयुक्त कमांडर सम्मेलन लखनऊ में बुधवार को शुरू हुआ। यहां चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भविष्य के युद्ध की तैयारी के लिए विभिन्न डोमेन में एकीकरण पर जोर दिया। यह सम्मेलन बदलते परिवेश में भारत की सेना के भविष्य को आकार देने पर केंद्रित है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, नौसेना स्टाफ के प्रमुख, एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने बुधवार को यहां इस समारोह का नेतृत्व किया।
तीनों सेनाओं के कमांडर्स का यह सम्मेलन ‘सशक्त और सुरक्षित भारत: सशस्त्र बलों का परिवर्तन’ विषय के तहत शुरू हुआ। यह सेनाओं में शीर्ष स्तर के पदानुक्रम को एक साथ लाता है। यहां सीडीएस अनिल चौहान ने वर्तमान सुरक्षा की स्थिति और सशस्त्र बलों की रक्षा तैयारियों की समीक्षा की। समीक्षा करते हुए सीडीएस ने विभिन्न डोमेन में एकीकरण बढ़ाने के लिए सेनाओं की संयुक्तता और भविष्य की योजनाओं के महत्व पर जोर दिया। यह भविष्य के युद्ध की रूपरेखा और संचालन के लिए महत्वपूर्ण है।
जनरल अनिल चौहान ने एकीकरण के रोडमैप पर कई उपाय शुरू करने के लिए तीनों सेनाओं की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह एक चरण-दर-चरण प्रक्रिया थी। यह क्रॉस सर्विस सहयोग से शुरू होकर सेनाओं को ‘संयुक्त संस्कृति’ की ओर ले गई। अंतत संयुक्त अभियानों के संचालन के लिए सैन्य बलों के एकीकरण को प्राप्त किया गया।
यहां निर्णय लेने की सुविधा के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ कमांड और नियंत्रण केंद्रों की स्थापना पर भी विचार-विमर्श किया गया। जनरल चौहान ने उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए परिचालन तैयारियों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होने सैन्य बलों को तैयार और प्रासंगिक रहने की बात कही। साथ ही रणनीतिक स्वायत्तता हासिल करने के लिए आधुनिकीकरण की अनिवार्य आवश्यकता को रेखांकित किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को इस सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं, जहां वह रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और भारतीय सशस्त्र बलों के शीर्ष नेतृत्व के साथ विस्तृत विचार-विमर्श करेंगे।
–आईएएनएस
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