लखनऊ, 31 अगस्त (आईएएनएस)। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इस पर सपा सांसद अवधेश प्रसाद की प्रतिक्रिया सामने आई है। अवधेश प्रसाद ने कहा कि महिलाओं का सम्मान हमेशा रहा है और कहा गया है कि ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमंंते तत्र देवता’। हालांकि, अफसोस है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के राज में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। उनका सम्मान सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं की सुरक्षा होनी चाहिए, उनका सम्मान होना चाहिए।
असम में नमाज के लिए मिलने वाली दो घंटे की अवकाश को खत्म किए जाने पर उन्होंने कहा कि यह कदम अच्छा नहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा अब सफाये की ओर चल रही है। भाजपा का जो आधार था, वह खत्म हो रहा है। देश और प्रदेश की जनता ने सांप्रदायिकता को पूरी तरह से नकार दिया है। उसका उदाहरण अयोध्या की फैजाबाद सीट है, जहां से जनता ने मुझे जिता कर पूरे देश, प्रदेश और दुनिया में संदेश दिया है कि भाजपा की सांप्रदायिकता और नफरत की राजनीति अब नहीं चलेगी।
उन्होने कहा कि इस देश में अब आपसदारी, भाईचारा, संविधान बचाने, आरक्षण बचाने, महंगाई हटाने और देश के नौजवानों को सरकारी नौकरी देने की राजनीति चलेगी। यही पीडीए कर रहा है। भाजपा का दिन अब समाप्त होने जा रहा है।
महाराष्ट्र में स्थापित शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर प्रधानमंत्री मोदी के माफी मांगने पर उन्होंने कहा कि शिवाजी पूज्य हैं, उनके सम्मान में, जो कुछ कहा जाए, वह कम है।
‘लाल टोपी वालों के काले कारनामे ‘, सीएम योगी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि लाल टोपी से सीएम योगी भयभीत हैं। अयोध्या हारने के बाद से वह भयभीत हैं। अयोध्या में भाजपा की हार हुई और हमारी, समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार की जीत हुई। इसके बाद से ही वह लाल टोपी से डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में होने वाले उपचुनाव में उन्होंने मिल्कीपुर का जिम्मा लिया है, यहां से भी भाजपा बहुत बुरी तरह से हारेगी, इसलिए ये घबराए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि जहां तक लाल का सवाल है, तो लाल हमारी माताओं-बहनों का सुहाग है। सिंदूर का रंग लाल होता है। तमाम धार्मिक प्रयोजन, अनुष्ठान में लाल लाल रंग का इस्तेमाल किया जाता है। देवी देवताओं को भी लाल रंग का फूल पसंद है। पता नहीं सीएम योगी को लाल लाल रंग से नफरत क्यों है? यही लाल रंग पूरे प्रदेश से भाजपा का सफाया करेगा।
–आईएएनएस
पीएसके/सीबीटी