'बचत खाते' से कितना अलग है 'प्रधानमंत्री जन-धन अकाउंट', जानें मिलता है क्या-क्या लाभ?

'बचत खाते' से कितना अलग है 'प्रधानमंत्री जन-धन अकाउंट', जानें मिलता है क्या-क्या लाभ?

नई दिल्ली, 27 अगस्त(आईएएनएस)। 28 अगस्त, 2014 को शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना अपने 10वें साल में प्रवेश कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह महत्वाकांक्षी योजना कई उद्देश्यों के साथ शुरू की गई थी और इसका फायदा भी सरकार को मिला। कोविड महामारी के दौरान जब लोगों तक सरकार को धन राशि पहुंचानी थी तो इसके जरिए ही सरकार ने रकम को लोगों तक बतौर सहायता पहुंचाया।

वहीं किसान सम्मान निधि और नरेगा और मनरेगा जैसी परियोजनाओं के पैसे भी लोगों के खाते में सीधे पहुंचते रहे। वह भी इसी जन-धन अकाउंट की वजह से संभव हो पाया। जिसकी वजह से भ्रष्टाचार की गुंजाइश ही समाप्त हो गई और पहले बिचौलिये के जरिए हो रही धन की लूट भी अब समाप्त हो गई है।

2014 में जब नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो सबसे पहले यह फैसला लिया गया कि कैसे सामान्य से सामान्य लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा जाए। सरकार इसके लिए आगे आई और प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत की। जिसके जरिए गरीब से गरीब लोगों का बैंक खाता जीरो बैलेंस पर खुल पाया। इसके बाद डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर यानी डीबीटी के जरिए सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स का भी फायदा सीधे लाभर्थियों तक इसके जरिए पहुंचाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री जन-धन योजना का उद्देश्य देश के वंचित वर्गों जिनकी पहुंच बैंकों तक नहीं थी उन्हें बैंकिंग सिस्टम में शामिल करने का था। इसके जरिए इन लोगों के बचत बैंक खाता खोलना, उनके लिए ऋण उपलब्धता की राह आसान करना और बीमा तथा पेंशन सुविधा सुनिश्चित कराना है।

इस योजना में सरकार के द्वारा खाता खुलवाने वालों को इतनी सहूलियत दी गई वह जीरो बैलेंस पर अपना खाता बैंक में खुलवा सकते हैं। इसके लिए किसी पहचानकर्ता की भी जरूरत नहीं थी। सरकार के आंकड़ों के हिसाब अभी 52.39 करोड़ से ज्यादा इसके लाभार्थियों की संख्या हो गई है।

हालांकि जनधन खातों में और सामान्य बैंक बचत खाते में अंतर आपको साफ पता चल जाएगा। ऐसे में बता दें कि जनधन अकाउंट में की गई जमा राशि पर ब्याज मिलता है। जनधन योजना में एक लाख रुपए का दुर्घटना बीमा और 30 हजार रुपए का लाइफ कवर भी मिलता है। जनधन अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने की कोई सीमा नहीं होती है। वहीं जनधन योजना में लाभार्थी को 10 हजार रुपये की ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी खाते में मिलती है। इसके साथ ही जनधन अकाउंट खुलने के बाद लाभार्थी को रुपे डेबिट कार्ड भी मिलता है। इसके साथ ही जनधन अकाउंट आप बैंक के अलावा पोस्ट ऑफिस में भी खुलवा सकते हैं। इसके लिए पैन कार्ड और आधार कार्ड होना जरूरी है। इसके साथ ही जनधन खाते को ऑनलाइन माध्यम से भी खुलवाया जा सकता है।

अब जब इस योजना के 10 साल पूरे होने वाले हैं तो प्रधानमंत्री जन-धन योजना के एक दशक पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा है। इसके तहत इस योजना से जुड़े कुछ सवालों का जवाब देकर कोई भी इनाम जीत सकता है। नरेंद्र मोदी इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिए इसकी जानकारी दी गई है। यह क्विज़ प्रतियोगिता बुधवार 28 अगस्त को पूरे दिन नमो ऐप पर लाइव होगा। जहां जन-धन 10/10 चैलेंज स्वीकार करना होगा और 10 ‘आसान’ सवालों के जवाब देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर किए हुए उनके गवर्नेंस की किताब जीती जा सकती है।

सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में इस बारे में बताया भी था कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए बैंक खातों की संख्या 52 करोड़ के पार पहुंच गई है। इसके साथ ही जनधन खातों में कुल जमा राशि 2.30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है।

–आईएएनएस

जीकेटी/

E-Magazine