बांग्लादेश हिंसा पर बिहार के मंत्री नीरज सिंह ने कहा- कुछ विशेष लोग पूरी दुनिया को प्रताड़ित करते हैं

बांग्लादेश हिंसा पर बिहार के मंत्री नीरज सिंह ने कहा- कुछ विशेष लोग पूरी दुनिया को प्रताड़ित करते हैं

पटना, 6 अगस्त (आईएएनएस)। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना देश में हिंसक भीड़ के बेकाबू होने के बाद अपने पद से इस्तीफा देकर भारत आ गईं। बिहार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह ‘बबलू’ ने भारत को हिंदुओं के लिए सबसे सुरक्षित देश बताते हुए कुछ विशेष लोगों द्वारा पूरी दुनिया को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, “बंग्लादेश के मुद्दे पर पूरे देश को समझने की आवश्यकता है। कैसे विदेशों में हिंदू प्रताड़ित किए जाते हैं। वह हिंदुस्तान में कितने सुरक्षित हैं। यह तो समझने की बात है। जहां भी ये विशेष लोग हैं, जिनको यहां हम अल्पसंख्यक कहते हैं, वहां हमेशा वह लोगों को परेशान करते रहते हैं।“

बांग्लादेश में हजारों लोगों की हिंसक भीड़ को राजधानी ढाका की तरफ कूच करता देख पीएम शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया। इसके बाद वह भारत आ गईं। भारत में उनके विमान को गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतारा गया। जहां वह कड़ी सुरक्षा में हिंडन एयरबेस में वायुसेना के एक सेफ हाउस में रुकी हैं।

बताया जा रहा है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इंग्लैंड से शरण मांगी है। जैसे ही इंग्लैंड की सरकार उनकी शरण को मंजूर कर देगी, वह भारत से इंग्लैंड चली जाएंगी।

बांग्लादेश में इससे पहले भी कई बार हिंसक भीड़ ने आरक्षण के मुद्दे पर राजधानी ढाका के अलावा आसपास के इलाकों में आगजनी व तोड़फोड़ की थी। तब बांग्लादेश की आर्मी ने भीड़ पर नियंत्रण पा लिया था। लेकिन इस बार लोगों की भीड़ के हिंसक होते ही प्रधानमंत्री ने इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया।

बता दें, बांग्लादेश में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए देश की तमाम सरकारी नौकरियों में दिए जा रहे आरक्षण के विरोध में एक जुलाई से प्रदर्शन की शुरुआत छात्रों ने की थी। पांच जून को ढाका हाईकोर्ट ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को आरक्षण को फिर से लागू करने का आदेश दिया था।

बांग्लादेश में 30 फीसदी नौकरियों में 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बच्चों के अलावा पौत्र-पौत्रियों के लिए, प्रशासनिक जिलों के लोगों के लिए 10 फीसदी, महिलाओं के लिए 10 फीसदी, जातीय अल्पसंख्यक समूहों को 5 फीसदी और विकलांगों को 1 फीसदी आरक्षण नौकरियों में दिया जा रहा है। इसके अलावा बांग्लादेश में आरक्षण व्यवस्था के अंतर्गत महिलाओं, विकलांगो और जातीय अल्पसंख्यक लोगों के लिए भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान पहले से ही है। इस रिजर्वेशन सिस्टम को 2018 सुप्रीम कोर्ट द्वारा निलंबित कर दिया गया था। इस निलंबन के बाद इस तरह के विरोध प्रदर्शन पूरे देश में रुक गए थे।

सोमवार को बांग्लादेश में भीड़ ने अपनी मांगों को लेकर राजधानी व उसके आसपास के इलाकों में आगजनी, तोड़फोड़ की जिसमें सैकड़ों लोगों के मारे जाने की भी पुष्टि हुई है। इसके अलावा राजधानी में लगे शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति को भी तोड़ दिया गया।

–आईएएनएस

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