लखनऊ, 5 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 187.70 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि के साथ उत्तर प्रदेश एकमात्र राज्य है, जहां कुल उपलब्ध भूमि के 76 फीसद पर खेती होती है। मैनपावर हो, शुद्ध जल की उपलब्धता या विविध क्लाइमेटिक ज़ोन हो, प्रदेश में हर वह पोटेंशियल है ,जो इसे देश के कृषि सेक्टर का पावर हाउस बनाता है।
उन्होंने कहा कि कृषि सेक्टर के कायाकल्प और कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ‘कृषि विकास एवं ग्रामीण उद्यमिता सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम’ (यूपी एग्रीस) की शुरुआत करने जा रही है। योजनांतर्गत न केवल फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए नियोजित प्रयास होंगे, बल्कि मूंगफली, मिर्च और हरी मटर जैसी फसलों के क्रॉप क्लस्टर और इनसे जुड़े उद्योगों के नए क्लस्टरों के विकास तथा निर्यात बढ़ोतरी का प्रयास भी होगा। सरकार न केवल किसानों को विभिन्न देशों में भेजकर नई तकनीक का प्रशिक्षण दिलाएगी, बल्कि कृषि सेक्टर का वित्त पोषण भी करेगी।
उन्होंने कहा कि विश्व बैंक की सहायता से शुरू हो रही यह परियोजना किसान, कृषक उत्पादक संगठन और कृषि उद्यमियों को हरसंभव तकनीकी सहायता तथा इंफ्रास्ट्रक्चर की सुलभता मुहैया कराएगी। हमारे पास सिंचित भूमि का कवरेज भी 86 प्रतिशत से अधिक है। विगत सात वर्षों में नियोजित प्रयासों से प्रदेश में विभिन्न फसलों की उत्पादकता में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अब भी बुंदेलखंड, पूर्वांचल तथा विंध्य क्षेत्र में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश को नौ एग्रो क्लाइमेटिक ज़ोन का लाभ प्राप्त होता रहा है। इस नई परियोजना में इन क्लाइमेटिक ज़ोन के आधार पर फसल उत्पादन एवं अन्य कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देने की रणनीति अपनाई जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिमी एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश राज्य की कुल जनसंख्या में 40-40 फीसद की भागीदारी रखते हैं, लेकिन जहां पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रदेश के कृषि उत्पादन में 50 प्रतिशत का योगदान है, वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश का योगदान मात्र 28 फीसद है। इसी प्रकार, उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या का 7 फीसद बुंदेलखंड में निवास करता है, जबकि, कृषि उत्पादन में इस क्षेत्र का योगदान मात्र 5.5 प्रतिशत है। जेवर एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब की स्थापना की जाए। कृषि में ऋण प्रवाह को बढ़ाने की आवश्यकता है, साथ ही कृषि एवं प्रसंस्करण में महिला समूहों की भागीदारी भी बढ़ाने के प्रयास होने चाहिए।
परियोजना के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ अब तक हुई वार्ता के अनुसार यह परियोजना छह वर्ष की होगी। करीब 4,000 करोड़ रुपए की इस परियोजना का सीधा लाभ कृषक, कृषक समूहों, मत्स्य पालकों और कृषि सेक्टर से जुड़ी एमएसएमई इकाइयों को होगा। यूपी एग्रीस परियोजना, पूर्वी उत्तर प्रदेश के 21 तथा बुंदेलखंड के 7 जिलों में संचालित की जाएगी।
परियोजना के माध्यम से 10 लाख किसानों को प्रत्यक्ष सहायता मिलेगी, इनमें से 30 फीसद महिला किसान होंगी। इसके अतिरिक्त, 1 लाख से अधिक मछुआरे परिवारों को सहायता दी जाएगी। 500 किसानों को सर्वोत्तम कृषि तकनीकी देखने के लिए विदेश भ्रमण भी कराया जाएगा।
–आईएएनएस
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