नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)। विदेशों में रहने वाले भारतीय (एनआरआई) की ओर से देश भेजी जाने वाली राशि इस साल अप्रैल-मई में तीन गुना बढ़कर 2.7 अरब डॉलर हो गई। यह पिछले साल की समान अवधि में 0.6 अरब डॉलर थी। आरबीआई की ओर से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
एनआरआई डिपॉजिट स्कीम में जमा राशि मई में बढ़कर 154.72 अरब डॉलर तक पहुंच गई है। स्कीम में फॉरेन करेंसी नॉन-रेजिडेंट (एफसीएनआर) डिपॉजिट, नॉन-रेजिडेंट एक्सटर्नल (एनआरई) और नॉन-रेजिडेंट आर्डिनरी (एनआरओ) डिपॉजिट शामिल हैं।
बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा आने का असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर भी पड़ता है। आरबीआई के मुताबिक, रुपये का प्रदर्शन हाल के दिनों में दुनिया की अन्य मुद्राओं के मुकाबले काफी अच्छा रहा है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5 जुलाई को 657.16 अरब डॉलर था। यह देश के विदेशी मुद्रा भंडार का अब तक का उच्चतम स्तर था। देश का बढ़ता हुआ विदेशी मुद्रा भंडार अर्थव्यवस्था की मजबूती को दिखाता है। इसके साथ ही आरबीआई को रुपये को मजबूती प्रदान करने के लिए अधिक विकल्प देता है।
विदेशों से आने वाली जमा राशि बढ़ने की वजह देश के निर्यात में भी बढ़ोतरी होना है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 200 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात किया गया है।
इस सप्ताह मासिक व्यापारिक आंकड़े जारी करते हुए वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि अगर यह ट्रेंड जारी रहता है तो चालू वित्त वर्ष में निर्यात का आंकड़ा 800 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।
— आईएएनएस
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