मिडिल क्लास व्यक्ति की तरह जिंदगी जीता हूं: पंकज त्रिपाठी

मिडिल क्लास व्यक्ति की तरह जिंदगी जीता हूं: पंकज त्रिपाठी

नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)। बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेताओं में से एक और नेशनल अवॉर्ड विजेता पंकज त्रिपाठी अपने किरदार को बेहतरीन तरीके से निभाने के लिए जाने जाते है। वह लग्जरी लाइफस्टाइल जीने के बजाय साधाराण जिंदगी जीना पसंद करते है।

अपने लाइफस्टाइल को लेकर पंकज ने आईएएनएस से बात की। उन्होंने कहा, “आपने देखा होगा कि मैं अपनी निजी जिंदगी में कैसा हूं। मैं एक मिडिल क्लास व्यक्ति हूं। मेरा काम भले ही ऐसा न लगे, लेकिन मेरे जीने का तरीका वास्तव में वैसा ही है… मैं अपनी जिंदगी को बिल्कुल ऐसे ही एन्जॉय करता हूं।”

वह अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को कैसे बैलेंस करते हैं?

एक्टर ने कहा, ”मैंने अपना काम कम कर दिया है, ताकि मैं अब जिंदगी को बेहतर तरीके से बैलेंस कर सकूं। मैं अभी घर पर हूं।

जब तक मेरी पत्नी मुझसे परेशान नहीं हो जाती, मैं घर पर ही रहूंगा… अभी मैं कम काम कर रहा हूं। पहले मैं ज्यादा काम करता था और बहुत बिजी रहता था… मैं कुछ समय के लिए कम काम करूंगा।”

एक्टर का मानना ​​है कि स्क्रीन पर ज्यादा एक्सपोजर से लोग बोर हो जाएंगे और मैं भी।

पंकज ने कहा, ” प्रमोशन के बाद मैं निकलना पसंद करता हूं। मुझे अपनी जगह पर रहना पसंद है।”

उन्होंने आगे कहा, ”जब बात मेरे प्रोजेक्ट्स की आती है तो मैं सबसे कम जानकारी रखने वाला व्यक्ति हूं, क्योंकि मैं काम करके वापस घर भागता हूं। निर्माता जानते हैं कि मुझे कोई जानकारी नहीं चाहिए, तो फिर क्यों बताएं?”

पंकज ने कहा, “मैं काम करता हूं और घर आ जाता हूं। जब फिल्म के लिए एडिटिंग होती है या नहीं, तो वे कॉल करते हैं और कहते हैं कि उन्हें किसी शूट के लिए डेट चाहिए, तो मैं हां कह देता हूं। मुझे कोई आइडिया नहीं होता।”

‘मिर्जापुर 3’ में पंकज को बहुत कम स्क्रीन स्पेस दिया गया था। , इस सीरीज में उन्होंने कालीन भैया की भूमिका निभाई थी।

यह पूछे जाने पर कि कालीन भैया को इतना पसंद क्यों किया जाता है, पंकज ने कहा, “वह एक नए तरह का डॉन है। ट्रेडिशनल डॉन नहीं। वह शालीन व्यक्ति है, लेकिन उसका काम अजीब है। उनमें एक खास तरह की कॉमेडी थी, जो इस सीजन में नहीं थी, क्योंकि वह लो लाइफ में है।”

उनका मानना हैं कि कालीन भैया में कुछ पसंद करने लायक है।

उन्होंने कहा, “उनमें कुछ तो है, जो पसंद करने लायक है, जिसे मैंने बनाने की कोशिश की क्योंकि राइटिंग में वह सिर्फ एक खलनायक थे, लेकिन एक्टिंग करते समय यह उस रूप में आ गए और यही करेक्टर में अनूठा है।”

एक्टर के बारे में बात करें तो उनका जन्म 28 सितम्बर 1976 को बिहार के गोपालगंज जिले के बेलसंड गांव में हुआ था। वह आज जिस मुकाम पर हैं, वहां पहुंचने में उन्हें कड़ा संघर्ष करना पड़ा। कॉलेज के दिनों में वह प्ले में हिस्सा लेते थे।

एक्टर बनने के लिए उन्होंने कई ऑडिशन दिए। साल 2004 में उन्हें टाटा टी का एड मिला, जिसमें वह नेता बने। उसी साल उन्हें अभिषेक बच्चन की फिल्म ‘रन’ में छोटा सा रोल भी मिला। लेकिन उनके करियर को उड़ान अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से मिली। इसके बाद उन्हें ‘फुकरे’ , ‘मसान’, ‘निल बटे सन्नाटा’, ‘बरेली की बर्फी’, ‘न्यूटन’, ‘मिमी’, ‘स्त्री’, ‘लूडो’, ‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’, ‘बच्चन पांडे’ जैसी हिट फिल्मों में देखा गया।

पंकज त्रिपाठी ओटीटी पर भी छाए रहे। ‘क्रिमिनल जस्टिस सीजन 3’, ‘सेक्रेड गेम्स’, ‘मिर्जापुर’ जैसी सीरीज को काफी पसंद किया गया।

–आईएएनएस

पीके/केआर

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