नारायण साकार हरि से मिले उनके वकील एपी सिंह, कहा- घायलों और मृतकों के प्रति पूरी जिम्मेदारी निभाएंगे

नारायण साकार हरि से मिले उनके वकील एपी सिंह, कहा- घायलों और मृतकों के प्रति पूरी जिम्मेदारी निभाएंगे

कासगंज, 17 जुलाई (आईएएनएस)। नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के वकील एपी सिंह उनसे मिलने के लिए कासगंज पहुंचे। कासगंज भोले बाबा का जन्मस्थान है। एपी सिंह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि, मैंने मीडिया से जो भी वादे किए थे, वह निभाए हैं। कासगंज जनपद में नारायण साकार हरि का जन्मस्थान है। नारायण साकार हरि यहां 2013 में आए थे, उसके बाद वह साल 2023 में सिर्फ एक दिन के लिए यहां आए थे। सरकार से मिली पेंशन का पैसा भी उन्होंने यहीं लगा दिया और यहां के लोगों को सौंप दिया।

उन्होंने कहा कि अब लोगों के अनुरोध पर नारायण हरि फिर से यहां आए हैं। वह यहां पर स्वास्थ्य लाभ लेने के साथ प्रवास भी करेंगे। उनके पास अपना पैसा नहीं है, इसलिए उन्होंने हाथरस हादसे के मृतकों के परिजनों से मिलने और जीवन भर सहायता के लिए जिला कमेटी से कहा था।

उन्होंने आगे कहा, नारायण हरि चाहते हैं, अगर किसी के माता-पिता चले गए हैं तो उनकी बेटी की शिक्षा में किसी तरह की कोई कमी नहीं आए। ऐसे ही किसी बहन या बेटी के विवाह में कोई रुकावट नहीं आए। उन्होंने सदैव सत्य के मार्ग पर चलना सिखाया है और उनके अनुयायी इस रास्ते पर ही चल रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि नारायण साकार हरि ने मानव मंगल मिलन सद्भावना समिति के जिला स्तर के लोगों को घायलों और मृतकों के प्रति जो जिम्मेदारी दी है, वह उसको पूरी तरह से निभाएंगे।

नारायण साकार हरि ने भी आईएएनएस से खास बातचीत के दौरान कहा था कि 2 जुलाई की घटना के बाद से वह अवसाद से ग्रस्त हैं। लेकिन, होनी को कौन टाल सकता है, जो आया है उसे एक दिन तो जाना ही है, भले कोई आगे पीछे हो। हमारे वकील डॉ. एपी सिंह एवं हमें भी जैसा प्रत्यक्षदर्शियों ने विषैला स्प्रे के बारे में बताया, वह पूर्णत: सत्य है कि कोई न कोई साजिश जरूर हुई है।

उन्होंने कहा कि हमने वकील डॉ. एपी सिंह के माध्यम से कमेटी के महापुरुषों से विनती की थी कि वह दिवंगत लोगों के परिजनों और इलाजरत घायलों के साथ तन-मन-धन से खड़े रहें। जिसको सभी महापुरुषों ने अपनी-अपनी सामर्थ्यनुसार मानना भी शुरू किया है और हम उन्हें धन्यवाद प्रेषित करते हैं।

यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को भोले बाबा की सत्संग में मची भगदड़ में 123 लोगों की जान चली गई थी।

–आईएएनएस

एएस/जीकेटी

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