अदाणी समूह के विझिनजाम बंदरगाह पर आई पहली मदर शिप, रच दिया इतिहास

अदाणी समूह के विझिनजाम बंदरगाह पर आई पहली मदर शिप, रच दिया इतिहास

तिरुवनंतपुरम, 11 जुलाई (आईएएनएस)। केरल के कोवलम बीच के पास भारत के पहले ट्रांस-शिपमेंट अदाणी समूह के विझिनजाम बंदरगाह पर गुरुवार को पहली मदर शिप आई।  

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी मर्क्स के जहाज ‘सैन फर्नांडो’ ने 2,000 से अधिक कंटेनरों के साथ बंदरगाह पहुंच कर इतिहास रच दिया।

इस विशाल जहाज को पारंपरिक सलामी दी गई, जिसके बाद यह सफलतापूर्वक बर्थ पर पहुंच गया।

पहली मदर शिप के आने के साथ, अदाणी समूह के विझिनजाम बंदरगाह ने भारत को विश्व शिपिंग बिजनेस के पटल पर ला दिया है। इस तरह यह बंदरगाह वैश्विक स्तर पर 6ठे या 7वें स्थान पर होगा।

इस मौके पर केरल के बंदरगाह मंत्री वी.एन. वासवन, अदाणी बंदरगाह के अधिकारी और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने मदर शिप का स्वागत किया। हालांकि आधिकारिक समारोह शुक्रवार को होगा।

शुक्रवार को होने वाले समारोह में केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड (एपीएसईजेड) के प्रबंध निदेशक करण अदाणी मौजूद रहेंगे।

आधिकारिक उद्घाटन के तुरंत बाद, मदर शिप कोलंबो के लिए रवाना हो जाएगी। इसके बाद कई और जहाज माल लेकर यहां आने वाले हैं।

इसके साथ ही शुक्रवार को ही बंदरगाह के पहले चरण का काम आधिकारिक रूप से समाप्त हो जाएगा। 3,000 मीटर का ब्रेकवाटर और 800 मीटर का कंटेनर बर्थ अब पूरी तरह तैयार है।

कनेक्टिविटी के लिए 1.7 किमी का एप्रोच रोड भी लगभग बन कर तैयार हो चुका है। साथ ही दफ्तर, सिक्योरिटी एरिया भी तैयार है और बिजली की लाइनें भी पहुंच गई हैं।

इस बंदरगाह की एक खास बात यह है कि यह देश का पहला सेमी ऑटोमेटेड कंटेनर टर्मिनल है और यह हाइड्रोजन और अमोनिया जैसे स्वच्छ और हरित ईंधन की आपूर्ति करने वाला एक ग्लोबल बंकरिंग हब भी होगा। बंदरगाह पर पूर्ण रूप से कमर्शियल गतिविधियां कुछ महीनों में शुरू होने वाली हैं।

परियोजना का दूसरा और तीसरा चरण 2028 में पूरा करने की योजना है और यह दुनिया के सबसे ग्रीन पोर्ट में से एक होगा।

यह पोर्ट रणनीतिक रूप से ऐसी जगह स्थित है जहां से केवल 10 समुद्री मील की दूरी पर यूरोप, पर्शियन गल्फ और फार ईस्ट को जोड़ने वाला अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग मार्ग है।

–आईएएनएस

एसकेपी/

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