देश के इस प्रदेश में उठी अलग राज्य की मांग, भाजपा ने जताया विरोध

केरल के विभाजन के मांग से प्रदेश में नया सियासी बवाल खड़ा हो गया है। सुन्नी युवजन संगम (एसवाईएस) के नेता मुस्तफा मुण्डुपरा ने अलग मालाबार राज्य की वकालत की। इस बीच भाजपा ने कहा कि पार्टी केरल को विभाजित करने के किसी भी कदम का विरोध करेगी। उधर, केरल का नाम बदलने का प्रस्ताव भी विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हो चुका है। प्रदेश सरकार केरल की जगह नया नाम केरलम करने का प्रस्ताव पास किया है।

मालाबार राज्य की उठी मांग

केरल के मालाबार क्षेत्र में कक्षा 11 में कम सीटों का मुद्दा इन दिनों राजनीति के केंद्र पर है। कांग्रेस, केएसयू और मुस्लिम लीग के छात्र संगठन मालाबार क्षेत्र में कक्षा 11 के लिए अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं।

क्या कहा मुस्तफा ने?

सोमवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान मुस्तफा मुण्डुपरा ने कहा, “अगर मालाबार के लोग दक्षिणी केरल के लोगों के जितना ही टैक्स अदा करते हैं तो हमें यहां वही सुविधाएं मिलनी चाहिए। अगर यह अन्याय देखने पर किसी हिस्से से अलग मालाबार राज्य की मांग उठती है तो हम उन्हें दोष नहीं दे सकते हैं। इसे अलगाववाद कहने का कोई मतलब नहीं है। अगर मालाबार राज्य होगा तो देश में क्या हो जाएगा।” आपको बता दें कि केरल के मालाबार क्षेत्र में पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिले आते हैं।

भाजपा पूरी ताकत से लड़ेगी

केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेन्द्रन ने कहा, “जो कोई भी यह मानता है कि पॉपुलर फ्रंट पर प्रतिबंध लगाने से केरल में चरमपंथी ताकतें खत्म हो गई हैं, वह गलत है। केरल के विभाजन की मांग करने वाले एसवाईएस नेता मुस्तफा मुण्डुपरा दुस्साहस, सीएम पिनाराई विजयन व वीडी सतीसन की चुप्पी, कठोर सच्चाई को उजागर करती है। केरल में कांग्रेस और कम्युनिस्ट दल घुटनों के बल हैं। वोटों के लिए बेशर्मी से राष्ट्रीय अखंडता से समझौता कर रही हैं।”

सुरेंद्रन ने आगे कहा, “ये राजनीतिक संस्थाएं हमारे देश से अलगाववादी ताकतों को खत्म करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अटूट मिशन के लिए सबसे बड़ी बाधाएं हैं। भाजपा केरल को विभाजित करने के किसी भी कदम के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेगी।”

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