वाराणसी के राजघाट पर बनेगा सिग्नेचर ब्रिज

वाराणसी के राजघाट पर बनेगा सिग्नेचर ब्रिज

रोडवेज के ठीक सामने बंद पड़ेगी रेलवे कॉलोनी का भी अफसर निरीक्षण करेंगे। इस कॉलोनी का भी पुनर्विकास होना है। यहां की जमीन का कुछ हिस्सा रेलवे स्टेशन के विस्तारीकरण में जा सकता है और बाकी बचे हिस्से का व्यवसायिक उपयोग किया जाएगा। यहां रेलवे के होटल तैयार करने की योजना है। इन सभी संभावनाओं को भी निरीक्षण में देखा जाएगा।

वाराणसी के राजघाट पर सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण जल्द शुरू होगा। इससे पहले दो समितियां बनेंगी। एक ट्रैफिक प्लानिंग के लिए और दूसरी यूटिलिटी शिफ्टिंग के लिए बनेगी।

सिग्नेचर ब्रिज और कैंट व काशी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के मद्देनजर कमिश्नर कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में तय किया गया कि जल्द ही सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण शुरु होगा। उससे पहले शहर में डायवर्जन लागू किया जाएगा।

इसके लिए कमिश्नर ने यातायात विभाग को रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। ताकि निर्माण कार्य के दौरान आमजन को कोई दिक्कत न हो। कमिश्नर ने बताया कि सिग्नचेर ब्रिज के निर्माण के दौरान वृहद रूट डायवर्जन करना होगा।

वाराणसी से मुगलसराय जाने वाले वाहनों को बीएचयू, सामने घाट पुल से गुजारना होगा और उधर से आने वाले वाहनों को भी इसी रूट पर लाना होगा। इससे सामने घाट समेत बीएचयू लंका गेट पर भी यातायात काफी बढ़ जाएगा।

पुल निर्माण में लंबा वक्त भी लगेगा और इतने दिनों तक डायवर्जन सफल रहे, इस पर अफसरों को गहनता से विचार कर रिपोर्ट तैयार करनी होगी। अगले सप्ताह सभी विभागों के अफसर स्थलीय निरीक्षण करेंगे। इसके बाद आगे का काम शुरु होगा।

बैठक में कैंट स्टेशन के पार्किंग की भी रूपरेखा तय की गई। कमिश्नर ने बताया कि कैंट स्टेशन के सामने रोडवेज बस अड्डा है। निर्माण के दौरान वह भी प्रभावित न हो और काम भी चलता रहे। इसके लिए अफसर निरीक्षण करेंगे ताकि व्यवहारिक समस्याएं समझ आएं। यहां पार्किंग संचालन पर योजना बनाई जाएगी। बैठक में अंधरापुल चौड़ीकरण पर भी चर्चा की गई।

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