नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। फिल्में हमारे समाज का आईना होती हैं। यह हमारे समाज की कुरीतियों पर कटाक्ष करती हैं और समाज में बदलाव लाने की कोशिश करती हैं। इस कड़ी में ऐसी ही एक फिल्म रिलीज हुई है, जो दोस्ती और धर्म की अनोखी दास्तां को बयां करती है। फिल्म ‘बजरंग और अली’ में जिस तरह की दोस्ती दिखाई गई है, वह बिल्कुल अलग है।
फिल्म की कहानी बजरंग और अली नाम के दो लड़कों के ईद-गिर्द घूमती है, जो अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन हमेशा एक-दूसरे के लिए चट्टान की तरह खड़े रहते हैं। उन दोनों के लिए दोस्ती से बढ़कर कुछ भी नहीं है, यहां तक कि उनका अपना धर्म भी नहीं, जिस पर वे विश्वास करते हैं। फिल्म में हमारे देश की बहुचर्चित गंगा-जमुनी ‘तहजीब’ को खूबसूरती से पेश किया गया है।
उनकी दोस्ती का रिश्ता इतना गहरा है कि वे एक-दूसरे के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने के लिए भी तैयार हैं। फिल्म की कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, हालात बदलने लगते हैं और सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने के चलते दोनों के बीच गलतफहमियां पैदा हो जाती हैं, जिसके चलते उनके रिश्ते में दरार आ जाती है। यहां उनकी दोस्ती की मानो जैसे परीक्षा हो।
फिल्म के जयवीर ने बजरंग का किरदार निभाया है। दिलचस्प बात यह है कि वे फिल्म के लेखक और निर्देशक भी हैं। उन्होंने फिल्म के लिए काफी मेहनत की है, जो पर्दे पर साफ नजर आ रही है। वहीं अली के किरदार में सचिन पारिख हैं। उन्होंने अपने किरदार को बेहतरीन ढंग से निभाया है। दोनों ने शानदार काम किया है और अपनी दमदार एक्टिंग से फिल्म की कहानी में जान डाल दी है।
फिल्म में रिद्धि गुप्ता, युगांत बद्री पांडे और गौरीशंकर सिंह भी अहम किरदारों में हैं। उन्होंने भी अपनी परफॉर्मेंस से दर्शकों के दिलों में जगह बनाई है।
‘बजरंग और अली’ फिल्म लोगों को धर्म से ऊपर उठकर मानवता में विश्वास करना सिखाती है। यह फिल्म मानवीय मूल्यों और मानवीय भावनाओं का सम्मान करना सिखाती है, जो आज की दुनिया में किसी भी चीज से ज्यादा जरूरी है। हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की यह भावनात्मक कहानी आपके दिल को छू जाएगी।
फिल्म: बजरंग और अली
अवधि: 123 मिनट
लेखक-निर्देशक: जयवीर
कलाकार: जयवीर, सचिन पारीख, रिद्धि गुप्ता, युगांत बद्री पांडे और गौरीशंकर सिंह
संगीत: युग भुसाल
निर्माता: सुरेश शर्मा, मिथिलेश शर्मा और विशाल शर्मा
आईएएनएस रेटिंग: ****1/2
–आईएएनएस
पीके/एसकेपी