जुलाई से सितंबर तक ला- नीना की संभावना

जुलाई से सितंबर तक ला- नीना की संभावना

रिकार्ड तोड़ गर्मी से राहत की उम्मीद है। खराब मौसम के लिए जिम्मेदार अल- नीनो के ला- नीना में बदलने का अनुमान है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के अनुसार अल- नीनो कमजोर हो रहा है। प्रशांत महासागर के ठंडा होने की घटना को ला-नीना कहते हैं।

वहीं अल- नीनो में समुद्र की सतह का तापमान बढ़ जाता है। मजबूत अल- नीनो भारत में कमजोर मानसून की स्थिति दर्शाती है, वहीं ला- नीना से भारत में अच्छी मानसूनी वर्षा होती है। डब्ल्यूएमओ के अनुसार दुनियाभर में पिछले 11 महीने से रिकार्ड-उच्च तापमान का अनुभव किया गया। पिछले 13 महीने में समुद्र सतह का तापमान रिकार्ड-उच्च स्तर पर रहा है। अल- नीनो से मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर के गर्म होने से खराब मौसम का सामना करना पड़ रहा है।

लोगों ने अप्रैल और मई में भीषण गर्मी का किया सामना 

भारत सहित दक्षिण एशिया में लोगों ने अप्रैल और मई में भीषण गर्मी का सामना किया। डब्ल्यूएमओ ने कहा, अल- नीनो का प्रभाव है, लेकिन यह कमजोर हो रहा है। डब्ल्यूएमओ के ‘ग्लोबल प्रोड्यू¨सग सेंटर्स आफ लांग- रेंज फारकास्ट’ में जून-अगस्त के दौरान अल- नीनो के ला- नीना में बदलने की संभावना 50 प्रतिशत बताई गई है। यह संभावना जुलाई- सितंबर के दौरान 60 प्रतिशत तथा अगस्त- नवंबर के दौरान 70 प्रतिशत तक है। इस दौरान अल- नीनो के फिर विकसित होने की संभावना नगण्य है। हालांकि अल- नीनो के खत्म के बावजूद पृथ्वी ग्रीनहाउस गैसों के कारण गर्म होती रहेगी।

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