बेहाल कर रही गर्मी और पसीने छुड़ा रही उमस के बीच कानपुर को अब लो वोल्टेज का संकट झेलना पड़ेगा। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीटीसीएल) से 33 केवी लाइन को डेढ़ से दो हजार वोल्ट कम बिजली मिल रही है। यानी 33000 वोल्ट की जगह 31000 वोल्ट बिजली मिल रही है।
इससे ओवरलोड चल रहे ट्रांसफार्मरों के फुंकने का खतरा भी बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के सहयोग से केस्को और अन्य बिजली निगम को बिजली मिल रही है। यह सप्लाई नेशनल ग्रिड से हो रही है। कानपुर को ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से 33 केवी लाइन से अलग-अलग सब स्टेशनों को बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
एचटी लाइन और एलटी लाइन से दी जा रही है बिजली
यहां के बाद सब स्टेशन में लगे पावर ट्रांसफार्मर से 11 केवी की एचटी लाइन को सप्लाई जा रही है। इस लाइन में 11000 वोल्टेज आता है। एचटी लाइन से औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 440 वोल्ट क्षमता वाले ट्रांसफार्मर और आवासीय क्षेत्रों के लिए 220 वोल्ट क्षमता वाले ट्रांसफार्मर तक आपूर्ति हो रही है। औद्योगिक क्षेत्रों के लिए सीधे एचटी लाइन से ही सप्लाई दी जा रही है, जबकि आवासीय क्षेत्रों को एलटी लाइन से बिजली मिल रही है।
बिजली कम आने से वोल्टेज ट्रिप करने लगा है
बिजली कम मिलने से दोनों ही जगहों के कई ट्रांसफार्मर पर लोड अधिक आ रहा है। 11 केवी की हाईटेंशन लाइन में भी 1600 से 1800 वोल्ट कम बिजली आने की लो वोल्टेज की समस्या खड़ी हो गई है। घरों में जा रही एलटी लाइन में भी बिजली कम आने से वोल्टेज ट्रिप करने लगा है। दोना लाइन पर भार बढ़ने से जंपर, फ्यूज, एचटी व एलटी सर्किट उड़ रहे हैं, जबकि ट्रांसफार्मर में भी खराबी आ रही है। इस समस्या को लेकर केस्को एमडी सैमुअल पॉल एन ने यूपीपीटीसीएल के एमडी से बात की है।
इसलिए गर्म हो रहे ट्रांसफार्मर
केस्को निदेशक राकेश वार्ष्णेय ने बताया कि रोज ट्रांसमिशन लाइन से 33 केवी लाइन को कम वोल्टेज मिल रहा है। कम वोल्टेज आने से 11 केवी लाइन और फिर पावर व डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ने लगता है। यह एक और वजह है ट्रांसफार्मर के गर्म होने की। इसके लगातार गर्म होने से जलने की आशंका अधिक रहती है।
33 केवी और 11 केवी लाइन पर कम वोल्टेज आ रहा है। इसकी वजह से पावर ट्रांसफार्मर और डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर प्रभावित हो रहे हैं। यह समस्या ट्रांसमिशन लाइन से आ रही है। इसके लिए ट्रांसमिशन के अधिकारियों से बातचीत हुई है। -सैमुअल पॉल एन, एमडी केस्को