किसान मसीहा 'भारत रत्न' चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

किसान मसीहा 'भारत रत्न' चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)। भारत सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की बुधवार को 37वीं पुण्यतिथि है। उनके चाहने वालों और आरएलडी कार्यकर्ताओं ने इस मौके पर उन्हें याद किया और भावभीनी श्रद्धांजलि दी। आरएलडी प्रमुख और चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी ने किसान घाट पर हवन पूजन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

इस मौके पर उन्हें नमन करने भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी पहुंचे। उपराष्ट्रपति ने किसान घाट पहुंचकर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न चौधरी चरण सिंह को अर्पित की।

चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर किसान घाट स्थित उनके समाधि स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चौधरी जयंत सिंह ने ‘चौधरी साहब’ को याद करते हुए सपरिवार उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही हवन पूजन भी किया गया।

चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को हुआ था। वह भारत के किसान नेता एवं पांचवें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने यह पद 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक संभाला था।

चौधरी चरण सिंह ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जीया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए चौधरी चरण सिंह एक बड़ा नाम थे। किसानों में उनकी काफी पकड़ थी और उनके सादगी भरे जीवन को पूरी दुनिया आज भी याद करती है।

भारत के गांव की दशा और दिशा के सुधार एवं गांव में रहने वाले किसान-मजदूर व कमजोर वर्ग के विकास के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, जो आज भी सभी के लिए एक प्रेरणास्रोत है।

भारत सरकार ने फरवरी 2024 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की थी। 30 मार्च को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में उनके पोते जयंत चौधरी ने यह सम्मान प्राप्त किया था।

चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने पर आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा था कि “आज राष्ट्रपति भवन की लाल कालीन पर चलने का मौका मुझे मिला है। आज मैने जो सम्मान ग्रहण किया है वो देश वासियों की तरफ से किया है। मैं भारत सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं क्योंकि चौधरी चरण सिंह का सम्मान कर उन्होंने किसानों का सम्मान किया है।”

–आईएएनएस

पीकेटी/एसकेपी

E-Magazine