सावधान, प्रचंड गर्मी के चलते स्वास्थ्य के प्रति बेहद सजग रहें। अभी अगले पांच दिन उत्तर-पश्चिम भारत में भीषण गर्मी जारी रहने का अनुमान है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ने की आशंका है। शनिवार को भी उत्तर भारत के कई इलाके प्रचंड गर्मी की चपेट में रहे। लू के थपेड़ों से लोग परेशान रहे।
चूरू में तापमान 47 डिग्री पर पहुंच गया। एक रोज पूर्व तो पश्चिमी दिल्ली के नजफगढ़ में तो तापमान 47.4 डिग्री पर पहुंच गया था जोकि इस साल अब तक सर्वाधिक तापमान रहा। यही नहीं, हरियाणा के सिरसा में भी तापमान 47 डिग्री को पार कर गया था।
आईएमडी ने इस संबंध में चेतावनी भी जारी की
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस संबंध में चेतावनी भी जारी की है। उसने अगले पांच दिन उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी पड़ने और अगले तीन दिन पूर्वी व मध्य क्षेत्रों में लू चलने का अनुमान जताया है। मौसम विभाग ने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और पश्चिम राजस्थान के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया है। इसमें स्वास्थ्य के लिहाज से संवेदनशील लोगों के लिए अत्यधिक देखभाल की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
संवेदनशील लोगों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की सलाह
आईएमडी ने पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए आरेंज अलर्ट जारी कर शिशुओं, बुजुर्गों व पुरानी बीमारियों से ग्रस्त लोगों समेत संवेदनशील लोगों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने को कहा है। मौसम कार्यालय ने कहा कि उच्च आर्द्रता गोवा और उप-हिमालयी बंगाल में लोगों को और परेशानी में डाल सकती है। आइएमडी ने यह भी कहा कि अगले दो-तीन दिनों में उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिमी राजस्थान में रातें और गर्म होने की संभावना है। रात का उच्च तापमान खतरनाक माना जाता है क्योंकि इससे शरीर को ठंडा होने का मौका नहीं मिलता है।
राजस्थान के बाड़मेर-जैसलमेर में तापमान 46 डिग्री पार
उधर, शनिवार को राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, चूरू और फलौदी जिलों में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक दर्ज किया गया है। जयपुर में तापमान 44 डिग्री पार पहुंच गया। पंजाब में लुधियाना लगातार दूसरे दिन भी सबसे गर्म रहा। यहां तापमान 46.1 डिग्री रहा, जो कि सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक था।
मानव-जनित जलवायु परिवर्तन ने गर्मी को बढ़ाया
भारत में आम चुनावों के मद्देनजर विशेषज्ञों ने लंबे समय तक धूप में रहने वाले या भारी काम करने वाले लोगों में गर्मी से संबंधित बीमारियां बढ़ने की चेतावनी दी है। अमेरिका स्थित जलवायु वैज्ञानिकों के समूह ‘क्लाइमेट सेंट्रल’ ने कहा है कि भारत में 54 करोड़ 30 लाख लोगों को 18 से 21 मई के दौरान कम से कम एक दिन अत्यधिक गर्मी महसूस होगी। क्लाइमेट सेंट्रल में विज्ञान विभाग के उपाध्यक्ष एंड्रयू पर्सिंग ने कहा कि मानव-जनित जलवायु परिवर्तन ने इस भीषण गर्मी को और अधिक विकराल बना दिया है। रात का उच्च तापमान हालात को और खतरनाक बना देता है। गर्मी की लहरें जानलेवा हो सकती हैं, खासकर बुजुर्गों और बच्चों को गर्मी से थकावट और लू लगने का खतरा रहता है।
20 साल में लू से गई 1.66 लाख से अधिक लोगों की जान
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 1998 से 2017 के बीच लू के चलते 1.66 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हुई। अत्यधिक तापमान अर्थव्यवस्था पर भी असर डाल सकता है। गर्म मौसम के दौरान लोग कम उत्पादक होते हैं, भले ही वे घर के अंदर काम करते हों। 2022 के एक अध्ययन में कहा गया है कि अत्यधिक गर्मी के कारण 2017 में श्रम उत्पादकता में 2.10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर की हानि हुई।
दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने की संभावना
राहत की कुछ बात ये है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के रविवार के आसपास दक्षिण अंडमान सागर, दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और निकोबार द्वीप समूह में आगे बढ़ने की संभावना है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के 31 मई के आसपास केरल के तट पर पहुंचने की संभावना है। यानी मई के आखिरी दिन केरल में मानसून की पहली बारिश होने के आसार हैं।