यूपी के मतांतरण केस में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर लगी सुप्रीम रोक

यूपी के मतांतरण केस में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर लगी सुप्रीम रोक

सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं के ईसाई बनाने के मतांतरण के मामले में सैम हिगिनबाटम कृषि, तकनीक और विज्ञान विश्वविद्यालय (एसएचयूएटीएस) के कुलपति के खिलाफ उत्तर प्रदेश की सुनवाई अदालत में दर्ज पांच से अधिक एफआईआर के आधार पर आपराधिक सुनवाई स्थगित कर दी है।

मामले के आरोपितों को गिरफ्तारी से संरक्षा और जमानत दे रही सर्वोच्च अदालत ने निचली अदालत में सुनवाई जारी रखने की उत्तर प्रदेश सरकार के आग्रह को ठुकरा दिया है। जस्टिस जेबी पार्डीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने गुरुवार को अपने फैसले में कहा कि इस मामले में सुनवाई अदालत में दर्ज एफआईआर के आधार पर आगे कोई अदालती कार्यवाही नहीं होनी चाहिए।

सभी आरोपितों को आगामी समनों के लिए पेश होना होगा

खंडपीठ ने एसएचयूएटीएस के कुलपति राजेंद्र बिहारी लाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे समेत कई वकीलों की प्रार्थना का संज्ञान लेते हुए कहा कि सुनवाई अदालत में सभी कार्यवाहियों को स्थगित किया जाता है ताकि सभी आरोपित आगामी समनों के लिए पेश होना होगा। इसी आधार पर इन मामलों में राज्य की पुलिस नए आरोप पत्र दायर करेंगी।

पुलिस ने किसी कथित पीड़ित का बयान दर्ज नहीं किया

एक आरोपित की ओर से पेश वकील मुक्ता गुप्ता ने कहा कि पुलिस ने किसी भी कथित पीड़ित का बयान दर्ज नहीं किया है, जिनका दावा है कि उन्हें लालच देकर ईसाई धर्म ग्रहण करवाया गया है। खंडपीठ ने दलीलें सुन ली हैं और इस पर अगली सुनवाई दो अगस्त को होगी। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने मतांतरण मामले में उत्तर प्रदेश के सैम हिगिनबाटम कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र बिहारी लाल और अन्य के खिलाफ दर्ज पांच एफआईआर को रद्द करने या एक साथ जोड़ने वाली याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई तय कर दी थी।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से गरिमा प्रसाद पेश हुईं

शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अदालत में पेश हुईं वरिष्ठ वकील गरिमा प्रसाद को निर्देश दिया है कि सिद्धार्थ दवे को अगली सुनवाई से पहले पहली एफआईआर में दायर आरोपपत्र की एक प्रति प्रदान करें। अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार और आरोपितों के वकील से लिखित दलीलें दाखिल करने को भी कहा था।

आरोपित बीस देशों से धन जुटाकर मतांतरण करने में लिप्त

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने कोर्ट को पहले बताया था कि लाल और अन्य आरोपित करीब बीस देशों से धन जुटाकर सामूहिक मतांतरण करने में लिप्त थे। पुलिस का आरोप है कि लाल और अन्य आरोपितों ने हरिहरगंज, फतेहपुर स्थित इवानगेलिकल चर्च आफ इंडिया के जरिये करीब 90 हिंदुओं का मतांतरण कराया है।

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