बाबा विश्वनाथ की मंगला और सप्तर्षि आरती की बुकिंग 15 दिन तक फुल

बाबा विश्वनाथ की मंगला और सप्तर्षि आरती की बुकिंग 15 दिन तक फुल

श्री काशी विश्वनाथ धाम में देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर रोज नया रिकॉर्ड बना रही है। आलम यह है कि बाबा की आरती की बुकिंग भी अब अगले 15 दिनों के लिए फुल हो चुकी है। मंगला आरती और सप्तर्षि आरती के ऑनलाइन टिकट अब 31 मई तक बुक हो चुके हैं। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को टिकट नहीं मिलने से निराश होकर लौटना पड़ रहा है।

बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती से काशीवासियों के दिन की शुरुआत होती है। बाबा की मंगला आरती की भव्यता का आलम ये है कि देश ही नहीं दुनिया भर से सनातनधर्मी इसमें शामिल होने की कामना से काशी आते हैं। 16 से 31 मई तक बाबा की मंगला आरती के 250 टिकट पहले ही फुल हो चुके हैं। इसके बाद जून के महीने में तीन जून के टिकट भी पहले से बुक हैं। यही हाल बाबा की सप्तर्षि आरती का भी है। 31 मई तक सप्तर्षि आरती के भी टिकट फुल हैं।

इसके अलावा भोग आरती के टिकट 26 मई तक और शृंगार भोग आरती के टिकट 29 मई तक बुक हो चुके हैं। ऐसे में काशी आने वाले श्रद्धालुओं को अब जून में मंगला और सप्तर्षि आरती में शामिल होने का मौका मिलेगा। रोजाना काफी संख्या में श्रद्धालु आरती के टिकट नहीं मिलने से निराश होकर लौट रहे हैं।

मंगला और सप्तर्षि आरती के टिकट अगले 15 दिनों तक के लिए बुक हो चुके हैं। वहीं शृंगार और भोग आरती के टिकटों की बुकिंग भी 29 मई तक बुक है। टिकटों की बुकिंग ऑनलाइन ही हो रही है। 

ब्रह्मांड के कल्याण और मंगल की होती है प्रार्थना
मंगला आरती में बाबा विश्वनाथ से पूरे ब्रह्मांड के कल्याण और मंगल की प्रार्थना की जाती है। बाबा का ये स्वरूप मंगलकारी होता है। मंगला आरती के बाद बाबा पुनः औघड़दानी बनकर महाश्मशान चले जाते हैं। रात में 2:45 बजे से मंगला आरती के अनुष्ठान शुरू होते हैं और तीन से चार बजे तक आरती का समय निर्धारित है। आरती के लिए श्रद्धालु दो बजे से ही मंदिर में प्रवेश करने लगते हैं। आरती के लिए 500 रुपये शुल्क निर्धारित है। आरती के दौरान भक्तों को अपने आराध्य के करीब जाने की अनुमति मिल जाती है। इस आरती से पहले बाबा विश्वनाथ के शिवलिंग से सभी फूल हटा लिए जाते हैं और भक्तों को बाबा के लिंग के पूरे दर्शन होते हैं। रोजाना 250 लोग मंगला आरती में शामिल होते हैं।

बाबा की होती है पांच आरती
मंगला आरती से शयन तक बाबा विश्वनाथ की पांच आरती होती है। बाबा की मध्याह्न भोग आरती दिन में 11:15 बजे से 12:20 बजे तक होती है। बाबा की सप्तर्षि आरती शाम को होती है। सप्तर्षि आरती का समय शाम को 6:45 बजे से 8:15 बजे तक होता है। रात्रि में शृंगार व भोग आरती के बाद बाबा विश्राम करते हैं। इसके लिए रात नौ बजे से 10:15 बजे तक का समय निर्धारित है। मध्याह्न भोग आरती की तरह ही रात्रि की भोग आरती की परंपरा निभाई जाती है। शयन आरती 10:30 बजे शुरू होती है और 11 बजे समाप्त हो जाती है।

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