इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा है कि भारतीय अंतरिक्ष उद्योग विकास के नए क्षेत्र के रूप में देश में प्राइवेट क्षेत्र को अद्भुत अवसर मुहैया करा रहा है। इसरो द्वारा विकसित तकनीक से प्राइवेट क्षेत्र की 400 कंपनियों को लाभ हुआ है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में अंतरिक्ष क्षेत्र को अगले पांच-दस वर्षों में दो अरब डॉलर के मौजूदा स्तर से नौ से 10 अरब डॉलर का उद्योग बनाने की परिकल्पना की है।
2040 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने का उद्देश्य
सोमनाथ ने एनईएसटी समूह की कंपनी एसएफओ टेक्नोलॉजीज की कार्बन कटौती पहल का अनावरण करने के बाद शनिवार को ये बातें कहीं। एनईएसटी समूह की पहल संयुक्त राष्ट्र के 2035 तक कार्बन उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की कमी और 2040 तक शून्य उत्सर्जन हासिल करने के उद्देश्य के अनुरूप है। एसएफओ टेक्नोलॉजीज का इसरो के साथ घनिष्ठ संबंध रहा है। दोनों ने चंद्रयान और आदित्य मिशनों के लिए मिलकर काम किया है।