दिल्ली एयरपोर्ट पर व्हीलचेयर न मिलने से गिरी 82 वर्षीय महिला, आईसीयू में भर्ती; एयर इंडिया ने दिया स्पष्टीकरण
नई दिल्ली, 8 मार्च (आईएएनएस)। टाटा समूह की कंपनी एयर इंडिया द्वारा दिल्ली एयरपोर्ट पर एक बुजुर्ग महिला को समय पर व्हीलचेयर न देने का मामला सामने आया है। आरोप है कि मजबूरी में काफी दूर पैदल चलने के बाद वह गिर गईं और फिलहाल बेंगलुरु के एक अस्पताल में आईसीयू में हैं।
बेंगलुरु जा रही महिला राज पसरीचा एक पूर्व सैन्य अधिकारी (लेफ्टिनेंट जनरल) की विधवा हैं। वह इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर लंबी दूरी तक पैदल चलने के बाद गिर गईं। उन्होंने पहले से व्हीलचेयर बुक कराई थी, लेकिन एयरलाइन ने समय पर व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं कराई।
घटना 4 मार्च की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनकी पोती पारुल कंवर ने पोस्ट किया कि उनकी दादी “दो दिनों से आईसीयू में हैं और उनके शरीर का बायां हिस्सा कमजोर हो रहा है। मैं यह पोस्ट इसलिए कर रही हूं क्योंकि मेरे पास कोई विकल्प नहीं है और मुझे गुस्सा आता है कि मानव जीवन और उनके कल्याण की इतनी कम कद्र है। एयर इंडिया, तुमने मेरी दादी के साथ इतना बुरा व्यवहार किया और इतना कम सम्मान दिया। तुम्हें शर्म आनी चाहिए।”
घटना का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे पर पहुंचने पर, उन्हें ‘लगभग एक घंटे’ तक व्हीलचेयर नहीं दी गई, जिसके बाद उन्हें काफी दूरी तक पैदल चलना पड़ा। लेकिन वह एयरलाइन के एक काउंटर के पास गिर गईं, जिससे उनके होंठ से खून बहने लगा और उसके सिर और नाक पर चोटें आईं।
पारुल कंवर ने लिखा, “किसी भी व्यक्ति ने मदद के लिए कदम नहीं उठाया। हमने किसी से प्राथमिक उपचार दिलाने के लिए कहा – कोई मदद नहीं मिली।”
कंवर ने यह भी कहा कि उन्होंने “इंडिगो से मदद लेने की कोशिश की, जिसके पास एक खाली व्हीलचेयर थी”, लेकिन उन्होंने भी मदद नहीं की।
आरोप है कि गिरने के बाद पसरीचा को प्राथमिक उपचार भी नहीं दिया गया और फिर, जब व्हीलचेयर दी गई तो बुजुर्ग महिला को उचित जांच के बिना विमान में सवार होने के लिए मजबूर किया गया।
केबिन क्रू ने उन्हें आइस पैक दिए और चिकित्सा सहायता के लिए बेंगलुरु हवाई अड्डे को सूचित किया।
आरोपों का खंडन करते हुए, एयर इंडिया ने एक बयान में कहा कि बुजुर्ग डिपार्चर टर्मिनल पर बहुत देर से पहुंची थीं।
एयर इंडिया ने कहा, “उस समय मांग काफी ज्यादा होने के कारण निर्धारित 15 मिनट के भीतर व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं कराई जा सकी, जिसके बाद वह अपने रिश्तेदारों के साथ पैदल चल पड़ीं। यात्री द्वारा व्हीलचेयर के लिए एक घंटे तक इंतजार करने का दावा निराधार है।”
महिला के गिरने को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए एयरलाइन ने कहा कि ड्यूटी पर मौजूद एयरपोर्ट डॉक्टर ने तुरंत उनका इलाज किया और प्राथमिक उपचार दिया।
एयरलाइन ने कहा कि महिला ने अतिरिक्त चिकित्सा सहायता स्वीकार नहीं की, लेकिन एयर इंडिया के कर्मचारियों ने तत्काल चेक-इन से लेकर प्राथमिकता पर पहले सुरक्षा जांच और बोर्डिंग तक उनका साथ दिया।
एयरलाइन ने कहा, “किसी भी समय यात्री को व्हीलचेयर या किसी भी तरह की सहायता देने से मना नहीं किया गया। एयर इंडिया के कर्मचारियों ने पूरी यात्रा के दौरान यात्रियों का सहयोग किया।”
–आईएएनएस
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