5जी से 100 गुना ज्यादा पावरफुल होगा 6जी : डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी


नई दिल्ली, 14 मई (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने बुधवार को 6जी तकनीक की अभूतपूर्व क्षमता पर जोर देते हुए इसे 5जी की तुलना में ‘100 गुना अधिक शक्तिशाली’ बताया।

‘भारत 6जी 2025 इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस एंड एग्जीबिशन’ के अवसर पर आईएएनएस से बात करते हुए ग्रामीण विकास और संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने 6जी की अपार क्षमताओं को रेखांकित किया, जो तेज स्पीड और लोअर लेटेंसी के साथ कनेक्टिविटी का एक बड़ा ट्रांसफॉर्मेशन है।

डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने 5जी के समक्ष आने वाली चुनौतियों, जैसे उच्च डेटा उपयोग और सीमित उपलब्ध स्पेक्ट्रम को स्वीकार किया, लेकिन आश्वासन दिया कि ये बाधाएं विकसित होती टेक्नोलॉजी की अंतर्निहित प्रकृति का हिस्सा हैं।

उन्होंने आईएएनएस को बताया, “5जी बेहद सफल रहा है और 6जी पूरी तरह से अलग नेटवर्क होगा, जो 100 गुना अधिक शक्तिशाली होगा और लेटेंसी कम होकर सब-मिलीसेकंड तक हो जाएगी।”

संचार राज्य मंत्री पेम्मासानी ने जोर देकर कहा कि 6जी एक गेम-चेंजर साबित होगा, जिसमें बिल्ट-इन एआई है, जो उद्योगों और रोजमर्रा की जिंदगी में क्रांति लाएगा।

उन्होंने आगे बताया कि 5जी एप्लीकेशन, जैसे कि हर गांव में वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करना, को शुरुआती दौर में अपनाया गया है, लेकिन 6जी एक बड़ी उपलब्धि होगी।

डॉ. पेम्मासानी ने कहा, “4जी से 5जी में ट्रांजिशन से अलग 6जी की छलांग पूरी तरह से परिवर्तनकारी होगी।”

उन्होंने स्वीकार किया कि 6जी पहले अर्ली अडॉप्टर्स को आकर्षित कर सकता है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि समय के साथ यह तकनीक मुख्यधारा बन जाएगी, जिसमें कई तरह के इनोवेटिव एप्लीकेशन सामने आएंगे।

‘भारत 6जी 2025’ कॉन्फ्रेंस देश की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें न केवल 6जी तकनीक को अपनाना, बल्कि इसके वैश्विक विकास का नेतृत्व भी करना शामिल है।

संचार राज्य मंत्री पेम्मासानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मार्च 2023 में पेश किए गए सरकार के दृष्टिकोण की पुष्टि की, जिसके तहत भारत को 2030 तक 6जी में ग्लोबल लीडर बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

इस विजन में जापान, सिंगापुर और फिनलैंड जैसे देशों के साथ साझेदारी के साथ-साथ एआई, टेराहर्ट्ज कम्युनिकेशन और इंटेलिजेंट नेटवर्क्स पर जोर दिया गया है।

डॉ. पेम्मासानी ने इस बात पर जोर दिया कि 6जी न केवल तकनीकी सीमाओं को आगे बढ़ाएगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कृषि जैसे क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक प्रगति को भी बढ़ावा देगा।

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम


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