राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर 4,557 ईवी पब्लिक चार्जिंग स्टेशन किए गए इंस्टॉल : नितिन गडकरी


नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। देश में राज्य, राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर 1,46,342 किलोमीटर की लंबाई में कुल 4,557 इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पब्लिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) स्थापित किए गए हैं। यह जानकारी बुधवार को संसद को दी गई।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि उत्तर प्रदेश में 507 पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशन हैं, जिसके बाद कर्नाटक में 489, महाराष्ट्र में 459, तमिलनाडु में 456 और राजस्थान में 424 पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशन हैं।

उन्होंने कहा, “ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई) के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, देश में राज्य/राष्ट्रीय राजमार्गों/एक्सप्रेसवे पर कुल 4,557 ईवी पब्लिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) स्थापित किए गए हैं।”

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि चार्जिंग पॉइंट ऑपरेटरों (सीपीओ) को प्रोत्साहन देने की कोई योजना नहीं है।

इस बीच, देश के टियर 2 शहरों में वर्तमान में 1 अप्रैल, 2025 तक 4,625 ईवी चार्जिंग स्टेशन चालू हैं।

सरकार ने हाल ही में कहा था कि 2,000 करोड़ रुपए के वित्तीय परिव्यय के साथ, पीएम ई-ड्राइव योजना देश भर में लगभग 72,000 ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना में सहायता करेगी।

भारी उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि ये स्टेशन 50 राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों, मेट्रो शहरों, टोल प्लाजा, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों, ईंधन आउटलेट और राज्य राजमार्गों जैसे उच्च-यातायात स्थलों पर रणनीतिक रूप से स्थापित किए जाएंगे।

पीएम ई-ड्राइव योजना मांग प्रोत्साहनों के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने में तेजी लाने और देश भर में ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने के लिए अक्टूबर 2024 में शुरू की गई थी।

केंद्र ने इस योजना के तहत ईवी को सब्सिडी के लिए 10,900 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।

केंद्र ने एफएएमई -II योजना के तहत तीन ऑयल मार्केटिंग कंपनियों आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल द्वारा 8,932 इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (ईवीपीसीएस) स्थापित करने के लिए 873.50 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।

इस महीने की शुरुआत में, सरकार ने प्रधानमंत्री ई-ड्राइव पहल के तहत इलेक्ट्रिक ट्रकों (ई-ट्रकों) के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए एक अभूतपूर्व योजना शुरू की, जिसमें प्रति वाहन अधिकतम प्रोत्साहन राशि 9.6 लाख रुपए निर्धारित की गई है।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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