भारत में 29,277 ईवी चार्जिंग स्टेशन मौजूद, कर्नाटक में सबसे अधिक : भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा


नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)। संसद में शुक्रवार को दी गई जानकारी के अनुसार, देश भर में अब कुल 29,277 इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशन मौजूद हैं।

इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि कर्नाटक 6,097 ईवी चार्जिंग स्टेशनों के साथ सबसे आगे है, उसके बाद महाराष्ट्र में 4,155 और उत्तर प्रदेश में 2,326 चार्जिंग स्टेशन हैं।

ऊर्जा मंत्रालय ने बीते वर्ष सितंबर में ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना और संचालन के लिए दिशानिर्देश-2024’ और इस साल जनवरी में ‘बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना और संचालन के लिए दिशानिर्देश’ जारी किए थे, जो इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, बैटरी चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों का एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क विकसित करने के लिए मानक और प्रोटोकॉल निर्धारित करते हैं।

राज्य मंत्री ने बताया, “मंत्रालयों, राज्यों और अन्य हितधारकों के परामर्श से अखिल भारतीय स्तर पर विभिन्न श्रेणियों के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पर्याप्त पब्लिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत 2,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।”

पीएम ई-ड्राइव योजना अक्टूबर 2024 में मांग प्रोत्साहनों के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने में तेजी लाने और देश भर में ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने के लिए शुरू की गई थी। केंद्र ने इस योजना के तहत ईवी को सब्सिडी के लिए 10,900 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।

देश में 1 अप्रैल, 2025 तक टियर-2 शहरों में 4,625 ईवी चार्जिंग चालू स्टेशन रिकॉर्ड किए गए हैं।

इस बीच, सरकार ने इस वर्ष 30 जून तक भारत में ‘फास्टर अडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड एंड) इलेक्ट्रिक व्हीकल’ (फेम इंडिया) योजना के तहत कुल 18,84,905 इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को समर्थन दिया है।

राज्य मंत्री वर्मा ने बताया कि फेम-II योजना के तहत, सरकार ने 16,29,600 वाहनों को सहायता प्रदान की। फेम-II योजना के तहत 9,332 इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी पीसीएस) की स्थापना के लिए कुल 912.50 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए, जिनमें से 8,885 ईवीपीसीएस (30 जून तक) स्थापित किए जा चुके हैं।

फेम योजनाएं पूरे देश में लागू थीं, जिसमें टियर 2 और टियर 3 शहर भी शामिल थे। फेम-I योजना की अवधि 2015-2019 और फेम-II योजना की अवधि 2019-2024 थी।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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