23 साल, 13 सीएम, 3 बार राष्ट्रपति शासन : झारखंड की सियासत रही 'खंड-खंड'

23 साल, 13 सीएम, 3 बार राष्ट्रपति शासन : झारखंड की सियासत रही 'खंड-खंड'

रांची, 4 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड के 13वें सीएम के रूप में गुरुवार को हेमंत सोरेन के शपथ लेने के बाद राज्य में जो नई सरकार अस्तित्व में आई है, उसकी अधिकतम उम्र 6 महीने होगी। झारखंड की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को पूरा हो रहा है।

संभावना व्यक्त की जा रही है कि हरियाणा और महाराष्ट्र के साथ यहां अक्टूबर में ही विधानसभा चुनाव हो सकता है। ऐसा होने पर इस सरकार का कार्यकाल तीन से चार महीने ही होगा। इसके पहले 2 फरवरी को चंपई सोरेन की अगुवाई में बनी सरकार का चैप्टर महज 152 दिनों में ही क्लोज हो गया।

हकीकत यह है कि भारत के नक्शे पर 28वें राज्य के रूप में 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया झारखंड राजनीतिक अस्थिरता की प्रयोगशाला बनकर रह गया है। तकरीबन 23 साल 8 माह की उम्र वाले इस सूबे में अब तक 13 सीएम बने और तीन दफा राष्ट्रपति शासन लगा है।

सीएम के तौर पर हेमंत सोरेन ने अपनी तीसरी पारी शुरू की है। उनका अब तक का कुल कार्यकाल तकरीबन 5 साल 199 दिन का रहा है। वह आगामी विधानसभा चुनाव तक इस पद पर बने रहे, तो उनके कार्यकाल में कुछ और दिनों का इजाफा हो जाएगा।

झारखंड में मुख्यमंत्रियों का औसत कार्यकाल लगभग डेढ़ साल का है। एकमात्र रघुवर दास ऐसे सीएम रहे, जिनकी सरकार ने 2014 से 2019 तक अपना कार्यकाल पूरा किया। 2019 में हुए विधानसभा के चुनाव के बाद से अब तक राज्य में तीन सरकारें बन चुकी है। झारखंड के नाम ही यह नायाब राजनीतिक रिकॉर्ड भी है कि यहां निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा भी मुख्यमंत्री रहे हैं। वह लगभग दो साल तक इस पद पर रहे।

हेमंत सोरेन के पिता और झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन भी तीन बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन कभी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में वे सिर्फ 10 दिन ही इस कुर्सी पर बैठ पाए थे। वर्ष 2000 से 2014 के बीच झारखंड में पांच मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व वाली नौ सरकारें बनीं तथा तीन बार राष्ट्रपति शासन लगा।

इस दौरान बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा और हेमंत सोरेन बारी-बारी से सीएम बने और उनका औसत कार्यकाल लगभग 15 महीने रहा। राज्य के पहले सीएम बाबूलाल मरांडी का कार्यकाल लगभग दो साल तीन महीने रहा था। अर्जुन मुंडा तीन बार सीएम बने और उनका कुल कार्यकाल छह साल से कुछ कम रहा। झारखंड ने कुल 645 दिनों के लिए तीन बार राष्ट्रपति शासन भी देखा है।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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