13 नगर निगमों में अपने दम पर पहली बार भाजपा का बोर्ड

13 नगर निगमों में अपने दम पर पहली बार भाजपा का बोर्ड

लखनऊ। नगर निकाय चुनाव प्रचार के दौरान सीएम योगी ने आमजन से भाजपा का महापौर जिताने के साथ ही बोर्ड भी बनवाने की अपील की थी। सीएम के इस आह्वान पर जनता ने मुहर लगाई, जिससे पहली बार 13 नगर निगमों में भारतीय जनता पार्टी अपने दम पर बोर्ड बनाएगी। नवसृजित शाहजहांपुर और बुंदेलखंड के झांसी में योगी की अपील का यह असर रहा कि समाजवादी पार्टी के एक भी पार्षद नहीं जीते। सपा इन दोनों नगर निगमों में शून्य पर रही। वहीं कई नगर निगम क्षेत्रों में सपा से अधिक जनता ने निर्दलियों पर भरोसा जताया। कानपुर, वाराणसी व बरेली में बसपा और अयोध्या-सहारनपुर में पार्षद पद पर कांग्रेस का खाता नहीं खुला।

सूबे के 17 नगर निगमों में से 13 पर भारतीय जनता पार्टी के आधे से अधिक पार्षदों ने जीत हासिल की। लखनऊ व कानपुर में 110-110 सीटों में से क्रमशः 80-63 पार्षद भारतीय जनता पार्टी के जीते। वहीं वाराणसी, गाजियाबाद, प्रयागराज व आगरा के 100-100 में से क्रमशः 63, 66, 56 व 58 सीटों पर कमल खिला। वहीं गोरखपुर व बरेली की 80-80 सीटों पर भाजपा क्रमशः 42 व 51 पर जीती। भाजपा की यह जीत सीएम योगी के विश्वास की जीत है। जनता का सीएम पर यह विश्वास है कि उनके एक आह्वान पर हर जगह कमल खिल गया।

सीएम योगी के प्रयासों से नित नई ऊंचाई छू रहे बुंदेलखंड के झांसी और नवसृजित शाहजहांपुर नगर निगम में समाजवादी पार्टी के पार्षदों की संख्या शून्य रही। दोनों सीटों पर जनता ने न सिर्फ साइकिल की चैन उतार दी, बल्कि यहां भारतीय जनता पार्टी के 60 में से 38 और 60 में से 41 सीटों पर पार्षदों को जिताया। वहीं कानपुर, वाराणसी व बरेली में बसपा तथा अयोध्या व सहारनपुर में कांग्रेस का पार्षद पद पर खाता नहीं खुला।

मेरठ में 90 में से भारतीय जनता पार्टी के 42 पार्षद नगर निगम पहुंचने में सफल रहे। यहां समाजवादी पार्टी को महज 13 सीटें मिलीं। सपा से अधिक निर्दलियों का दबदबा रहा। यहां 26 सीटों पर निर्दलियों ने जीत हासिल की। वहीं फिरोजाबाद में समाजवादी पार्टी और निर्दलियों की सीटें 15-15 की बराबरी पर रही। अयोध्या में 13 निर्दल पार्षदों ने जीत हासिल की।

E-Magazine