यूपी: खाटू श्याम की यात्रा कराएंगी यूपी रोडवेज की 12 बसें

यूपी: खाटू श्याम की यात्रा कराएंगी यूपी रोडवेज की 12 बसें

यूपी रोडवेज की 12 बसें राजस्थान में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खाटू श्याम की यात्रा कराएंगी। खाटू श्याम जाने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए अधिकारियों ने यह फैसला लिया है।

यूपी रोडवेज की 12 बसें राजस्थान में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खाटू श्याम की यात्रा कराएंगी। खाटू श्याम जाने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए अधिकारियों ने यह फैसला लिया है। इस रूट पर बसों के संचालन के लिए परमिट लिया जाएगा। इसके लिए आरटीए (राज्य परिवहन प्राधिकरण) में आवेदन भी कर दिया गया है।

आरटीए की बैठक में इस पर मुहर लगेगी। परमिट मिलने के एक सप्ताह के अंदर ही इन बसों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। मार्च से खाटू श्याम के लिए बसें चलाए जाने की उम्मीद है।

बरेली से खाटू श्याम की दूरी करीब 700 किलोमीटर है। यहां से सीधी बस सेवा नहीं होने के कारण श्रद्धालु प्राइवेट टैक्सी या फिर अपनी कार आदि से जाते हैं। इसी को देखते हुए परिवहन निगम ने खाटू श्याम के लिए बसें चलाने का फैसला लिया है। सेवा शुरू होने के बाद यात्रियों को सहूलियत होगी। बरेली व रुहेलखंड डिपो से चार-चार और बदायूं-पीलीभीत से दो-दो बसें चलाने की योजना बनाई गई है।

बरेली के क्षेत्रीय प्रबंधक दीपक चौधरी ने बताया कि खाटू श्याम के लिए बरेली, बदायूं व पीलीभीत से बसें चलाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। एसटीए की बैठक में परमिट पर मुहर लगते ही एक सप्ताह के अंदर बसें चला दी जाएंगी।

उत्तराखंड ने चलाई एक बस, लेकिन स्टॉपेज नहीं
खाटू श्याम के लिए उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में एक बस चलाई है। ये बस शाम सवा पांच बजे बरेली आती है। पुराने बस अड्डे पर इस बस के स्टॉपेज के लिए समय मांगा गया था। चूंकि उसी समय पर मथुरा, जयपुर व राजस्थान जाने वाली तमाम बसें पहले से ही खड़ी रहती हैं, इसलिए उत्तराखंड की बस को समय नहीं मिल सका। लिहाजा बस बरेली में रुके बिना ही चली जाती है।

रुहेलखंड डिपो के बेड़े से अगले साल तक कम हो जाएंगी 30 बसें
रुहेलखंड डिपो के बेड़े से अगले साल तक 30 बसें और कम हो जाएंगी। ये कंडम होने की कगार पर हैं। अप्रैल 2025 तक इन बसों को हटा दिया जाएगा। रुहेलखंड डिपो के पास 144 बसें हैं। इसमें से 30 बसें ऐसी है जो जर्जर हो चुकी हैं। इनकी 15 साल की मियाद भी पूरी होने वाली है। इनके टायर घिस चुके हैं। इंजन भी जवाब देने की कगार पर हैं।

ये बसें वर्कशॉप में खड़ी रहती हैं। बेहद जरूरी होने पर इनको 200-250 किलोमीटर की दूरी तक चलाया जाता है। इनमें से एक बस मई में ही हटा दी जाएगी। अप्रैल 2025 तक 30 बसों की मियाद पूरी हो जाएगी। इसके बाद इन बसों को नीलाम किया जाएगा। इसके बाद रुहेलखंड डिपो के पास 114 बसें रह जाएंगी।

 

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