हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद पस्त पड़े अडानी ग्रुप के शेयरों ने लॉन्ग टर्म में तगड़ा रिटर्न दिया…

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद पस्त पड़े अडानी ग्रुप के शेयरों ने लॉन्ग टर्म में तगड़ा रिटर्न दिया…

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद पस्त पड़े अडानी ग्रुप के शेयरों ने लॉन्ग टर्म में तगड़ा रिटर्न दिया है। ग्रुप की कंपनी अडानी ट्रांसमिशन की बात करें तो यह शेयर साल 2023 में करीब 70% टूट चुका है। एक साल की अवधि में भी इस शेयर का रिटर्न निगेटिव रहा। हालांकि FY18-20, FY19-21, FY20-22 और FY21-23 के बीच इस शेयर ने 100% से अधिक रिटर्न दिया है। 

तीन साल की अवधि का रिटर्न 
FY18-20 की बात करें तो यह शेयर 193% चढ़ा था। वहीं, FY19-21 के बीच इस शेयर में 375% की तेजी आई। इसी तरह, FY20-22 में इस शेयर में सबसे ज्यादा  989% की तेजी देखने को मिली। इसके अलावा FY21-23 में यह 429% चढ़ चुका है।

शेयर की कीमत
सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार को अडानी ट्रांसमिशन के शेयर की कीमत 2% लुढ़ककर 790 रुपये के नीचे आ गई। इस शेयर ने 1 मार्च 2023 को 630 रुपये के 52 वीक लो को टच किया। वहीं, 16 सितंबर 2022 को शेयर की कीमत 4,238.55 रुपये पर पहुंच गई। यह 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर था। फिलहाल, मार्केट कैप 89,116.71 करोड़ रुपये है।

8500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना
अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ट्रांसमिशन ने 8500 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बनाई है। इसके लिए शेयरधारकों से मंजूरी मांगी गई है। पात्र संस्थागत नियोजन आधार पर इक्विटी शेयर या अन्य सिक्योरिटीज जारी कर यह रकम जुटाने की योजना है। बीते दिनों कंपनी ने बताया था कि वह नई परियोजनाओं और विलय के अलावा अधिग्रहण के जरिये ग्रोथ का अवसर देख रही है।

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