लखनऊ। मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के नीति निर्धारण के तहत यूपी के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के एक अथवा एक से अधिक सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थल का चयन करके पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जायेगा। सहभागिता आधारित इस योजना के तहत न्यूनतम 25 लाख तथा अधिकतम 05 करोड़ तक के प्रस्ताव पर विचार किया जायेगा। चयनित पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराई जायेगी। प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज बताया कि पर्यटन विकास हेतु प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को इकाई मानकर एक या उससे अधिक पर्यटन स्थलों की महत्ता एवं आर्थिक उपादेयता के आधार पर स्थलों का चयन संबंधित प्रस्तावक द्वारा किया जायेगा। जिस पर्यटन स्थल का विकास किया जायेगा, वह धार्मिक, सांस्कृतिक, नैसर्गिक, पौराणिक या ऐतिहासिक अथवा पर्यटन के दृष्टिकोण से सार्वजनिक उपयोग के लिए महत्वपूर्ण होना चाहिए। चयनित पर्यटन स्थल का आगणन जिलाधिकारी द्वारा पर्यटन विभाग के सूचीबद्ध आर्किटेक्स से तैयार कराकर जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की संस्तुति सहित महानिदेशक पर्यटन को भेजना होगा। महानिदेशक पर्यटन के स्तर से प्रस्ताव प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृत के लिए पर्यटन विभाग को प्रेषित किया जायेगा। जयवीर सिंह ने बताया, यूपी विपुल पर्यटन संभावनाओं का प्रदेश है। यहां पर स्थित विश्व प्रसिद्ध स्मारकों, पौराणिक महत्व के तीर्थस्थलों, प्राकृतिक संपदायें तथा हस्तशिल्प पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। प्रत्येक जनपद में महत्वपूर्ण धार्मिक अध्यात्मिक, पौराणिक, प्राचीन, सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक स्थल मौजूद हैं। इन विविध आकर्षणांे को विश्व के नक्शे पर अंकित करने एवं पर्यटन स्थलों के सतत विकास के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के पर्यटन विकास हेतु एक विशिष्ट क्षेत्र का विकास करने एवं उसे उच्च स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सहभागिता आधारित 50-50 प्रतिशत की सहभागिता पर मुख्यमंत्री पर्यटन सहभागिता योजना तैयार की गई है।