लखनऊ। निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग, डॉ रोशन जैकब ने बताया कि मुख्यमंत्री की मन्शा व उनके निर्देशों के क्रम में उप खनिजों के खनन व परिवहन व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, सरल व प्रभावी बनाने के लिए खनन विभाग में खनिजों की परिवहन हेतु ई-परिवहन प्रपत्र निर्गत करने की व्यवस्था को संशोधित कर और अधिक पारदर्शी व प्रभावी तथा सरल बनाया जा रहा है।अभी तक ई-परिवहन प्रपत्र साधारण के पेपर पर मुद्रित किए जाते रहे हैं, जिसमें किन्हीं कारणों से प्रपत्रों के दुरुपयोग की संभावना बनी रहती थी, जिसे रोकने के लिए सिक्योरिटी फीचर युक्त सिक्योरिटी पेपर की व्यवस्था को प्रदेश में लागू किया गया है। डा जैकब ने बताया कि में सेक्योरिटी पेपर मे 09 सेक्योरिटी फीचर निहित है, जिनके सम्बन्ध में खान अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। सेक्योरिटी पेपर की व्यवस्था को लागू किये जाने हेतु विभागीय पोर्टल माइन मित्रा के ऑनलाईन खनिज प्रबन्धन प्रणाली के ईएमएम-11 मॉड्यूल पर प्राविधान किये गये है। सिक्योरिटी पेपर ए-4 साइज मे होगा, जिसमे ई-परिवहन प्रपत्र को पोट्रेट मोड मे तीन प्रतियों में मुद्रण हेतु डिजाइन किया गया है। प्रथम प्रति पट्टाधारक के उपयोग हेतु, द्वितीय प्रति परिवहनकर्ता उपभोक्ता भंडारणकर्ता कार्यदायी संस्था के उपयोग हेतु तथा तृतीय जांचकर्ता के उपयोग हेतु मान्य होगा। परिहारधारक अनुज्ञप्तिधारक भण्डारणकर्ता के लॉग इन पर सेक्योरिटी पेपर के मांग सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। सिक्योरिटी पेपर आपूर्तिकर्ता द्वारा परिवहन प्रपत्रों की वांछित मांग स्वीकृत होने के उपरान्त परिहारधारक 4.19 रूपये प्रति सेक्योरिटी पेपर की दर से आपूर्तिकर्ता के बैंक खाते में पेमेंट गेट-वे के माध्यम से जमा कराया जाना होगा। आपूर्तिकता के बैंक खाते में भुगतान उपरान्त सिक्योरिटी पेपर आपूर्तिकर्ता द्वारा परिहार धारक अनुज्ञप्तिधारक भण्डारकर्ता के पते पर प्रेषित करेंगे। सेक्योरिटी पेपर आपूर्तिकर्ता परिहारधारक द्वारा प्रेषित किये गये डाक के विवरण कोरियर कम्पनी का नाम, ट्रेकिंग आई-डी की प्रविष्टि पोर्टल पर किया जाना अनिवार्य होगा, जिसकी सूचना पंजीकृत मोबाइल नं0 तथा परिहारधारक के लॉगइन पर उपलब्ध होगी। सेक्योरिटी पेपर आपूर्ति करते समय परिहारधारक की आईडी के सापेक्ष सिक्योरिटी नं मैप किये जायेगें तथा एक सेक्युरिटी नं पर दुबारा ई० परिवहन प्रपत्र निर्गत नही होगा। मैप किये गये सिक्योरिटी नं के सापेक्ष ही ई परिवहन प्रपत्र निर्गत हो सकेंगे। विशेषता यह है कि सेक्योरिटी पेपर पर निर्गत किये गये ई० परिवहन प्रपत्र की फोटोकापी किये जाने पर छायाप्रति की पहचान करना आसान होगा और फोटो कापी किये गये प्रपत्र का किसी भी दशा में दुरुपयोग कोई भी व्यक्ति नहीं कर पायेगा,जिससे अवैध खनन परिवहन पर प्रभावी अंकुश लगाने में आसानी होगी और ई परिवहन प्रपत्रों की डुप्लीकेसी पर पूरी तरह लगाम लगेगी, जिससे सरकार को मिलने वाले राजस्व में भी और वृद्धि होगी।अपर निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विपिन कुमार जैन ने बताया कि सेक्योरिटी पेपर पर जनित ई परिवहन प्रपत्रों की जांच हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में यूवी लाइट टार्च की व्यवस्था की जा रही है। सेक्योरिटी पेपर की आपूर्ति हेतु मेसर्स जेमिनी ग्राफिक्स हैदराबाद को चयनित किया गया है। प्रदेश में व्यवस्था लागू करने के लिए गुजराज, आंध्र प्रदेश एवं तेलांगना आदि राज्यों की ई परिवहन प्रणाली का अध्ययन किया गया है तथा कानपुर देहात में पायलेट आधार पर यह प्रक्रिया लागू की गयी, जिसकी सफलता के उपरान्त व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू हुई है।